भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष के पदभार ग्रहण के साथ ही इंदौर के दावेदारों ने भी लगाया जोर, अब देखना यह है कि इंदौर का ‘बांका’ बैठता है किस ओर.
इंदौर। भारतीय जनता युवा मोर्चा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष श्याम टेलर के पदभार ग्रहण करने के साथ ही इंदौर में अध्यक्ष पद के दावेदारों के बीच हलचल शुरू हो गई है। प्रदेश अध्यक्ष के पदभार ग्रहण में भी दावेदारों ने ताकत दिखाने की कोशिश की। सभी दावेदार अपने आकाओं के माध्यम से कोशिश में जुटे हैं, लेकिन सबकी निगाहें भाजपा के बांका यानी सुमित मिश्रा पर ठहरी है। दावेदार कह रहे हैं-पता नहीं मिश्राजी किसके साथ कब खेल कर जाएं।
भाजयुमो के इंदौर अध्यक्ष के लिए अधिकांश विधायकों ने अपने समर्थकों का नाम आगे बढ़ाना शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा फिलहाल सभी दावेदारों को मीठी गोली दे रहे हैं। दावेदारों को डर है कि इंदौर भाजपा के बांका नगर कार्यकारिणी की तरह पता नहीं कौन सा खेल कर बैठें। हालांकि दावेदारों के आका भी बांका की फितरत से वाकिफ हैं, इसलिए इस बार पूरी सावधानी बरतने की कोशिश होगी।
दो नंबर से सबसे ज्यादा दावेदार
भाजयुमो इंदौर अध्यक्ष के लिए जिन नामों की सबसे ज्यादा दावेदार विधानसभा दो से हैं। इसमें रोहित चौधरी, निक्की राय और अक्षत चौधरी का नाम शामिल है। जाहिर है सभी विधायक रमेश मेंदोला के समर्थक हैं। अब बांका के सामने सबसे बड़ा धर्मसंकट यहीं खड़ा होने वाला है। सबको पता है कि नगर अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचाने में रमेश मेंदोला की कितनी बड़ी भूमिका है। ऐसे में बांका खेल करने के लिए दूसरी विधानसभा का मैदान ही चुनना पसंद करेंगे।
तीन और चार नंबर से भी लग रहा पूरा जोर
भाजयुमो अध्यक्ष के लिए एक नंबर विधानसभा से तो दमदार दावेदारी नहीं जताने की खबर है। हां, मलय दीक्षित जरूर मंत्रीजी के भरोसे उम्मीद जगा रहे हैं। इसके विपरित विधानसभा तीन और चार नंबर में बांका के सामने परेशानी आएगी। तीन नंबर से महापौर पुष्यमित्र भार्गव, भावेश दवे का नाम आगे बढ़ा रहे हैं, वहीं चार नंबर से विवेक गौड़, विधायक मालिनी गौड़ के भरोसे हैं। चार नंबर से ही संगठन के दम पर प्रखर दवे कोशिश कर रहे हैं।
राऊ में भी बांका को आएगी मुश्किल
पांच नंबर विधानसभा से तो बाबा महेंद्र हार्डिया किसी नाम पर जोर नहीं लगा रहे, लेकिन राऊ से प्रदेश महामंत्री और पूर्व नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे के दावेदार भी हैं और वर्तमान विधायक मधु वर्मा के भी। बताया जाता है कि नयन दुबे, गौरव रणदिवे के भरोसे दावेदारी जता रहे हैं, वहीं मधु वर्मा रजत शर्मा के लिए जोर लगा रहे हैं। इसका मतलब साफ है कि बांका के लिए यहां भी खेल करना आसान नहीं होगा।
बांका की बात पर किसी को नहीं भरोसा
नगर अध्यक्ष बनने के बाद से अब तक क्रियाकलापों को देखने के बाद भाजपा के बांका पर किसी को भरोसा नहीं हो रहा। नगर कार्यकारिणी के गठन के समय जो कुछ हुआ, उसे नेता व कार्यकर्ता भूले नहीं हैं। इसलिए सभी अपने-अपने स्तर पर प्रदेश संगठन स्तर पर भी कोशिश कर रहे हैं। विधायकों को भी पता है कि बांका कब क्या कर जाएं भरोसा नहीं, इसलिए वे भी इस बार पूरी ताकत से अंतिम तक जुटे रहने का प्रयास करेंगे।