छिंदवाड़ा में जहरीले कफ सिरप को लेकर प्रदेश में गरमाई सियासत, कांग्रेस ने भोपाल में किया प्रदर्शन, स्वास्थ्य मंत्री का मांगा इस्तीफा.


भोपाल। छिंदवाड़ा में जहरीले कफ सिरप पीने से मासूम के मौतों के मामले में अब प्रदेश की सियासत गरमा गई है। कांग्रेस और एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने भोपाल में प्रदर्शन किया। कांग्रेस के कई नेताओं ने इस मामले को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला के इस्तीफे की मांग की जा रही है।
कांग्रेस और एनसएसयूआई कार्यकर्ताओं ने भोपाल में पीसीसी के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान 12 खिलौनों के बच्चों को भाजपा के गमछे से फांसी लगाते हुए प्रतीकात्मक रूप से दर्शाया गया था। प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर बैठ कर हाथों में जहरीली कफ सिरप की बोतलें के पोस्टर और उपमुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ला के इस्तीफे की मांग लिखी तख्तियां लेकर जमकर नारेबाजी की। एनएसयूआई जिला अध्यक्ष अक्षय तोमर ने कहा कि यदि सरकार ने दोषी अधिकारियों के निलंबन की तत्काल कार्रवाई नहीं की, तो एनएसयूआई प्रदेश के सभी जिलों के शासकीय अस्पतालों के बाहर जनआंदोलन करेगी।
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य विभाग पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि इतने बड़े हादसे के बावजूद अब तक जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है और न ही दोषियों पर कोई ठोस कार्रवाई हुई है। हम मांग करते हैं कि तत्काल उप मुख्यमंत्री एवं लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग मंत्री राजेन्द्र शुक्ला, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग प्रमुख सचिव संदीप यादव, ड्रग कंट्रोलर दिनेश कुमार मौर्य, डिप्टी ड्रग कंट्रोलर शोभित कोस्टा का इस्तीफा हो।
पीसी शर्मा ने कहा- सामान्य मौत नहीं हत्या है
कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने कहा कि यह सामान्य मौत का मामला नहीं, बल्कि हत्या का मामला है। अगर छह बच्चों की मौत के समय कार्रवाई की गई होती, तो नतीजा कुछ और हो सकता था। स्वास्थ्य मंत्री ने इसे नजरअंदाज किया और जांच में तीन दिन की देरी की। तमिलनाडु ने तुरंत सिरप पर प्रतिबंध लगा दिया, लेकिन मध्य प्रदेश ने नहीं। जहर की जल्द पहचान से और मौतें रोकी जा सकती थीं। पूरा मामला संदिग्ध लग रहा है। पूरे मामले की जांच होनी चाहिए।
मानक अग्रवाल ने स्वास्थ्य मंत्री का इस्तीफा मांगा
वरिष्ठ कांग्रेस नेता मानक अग्रवाल ने कि छिंदवाड़ा में कफ सिरप से लगभग 14 बच्चों की मौत हो चुकी है और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। सरकार इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दे रही है। इस बीच, स्वास्थ्य मंत्री, जो उपमुख्यमंत्री भी हैं, क्लीन चिट दे रहे हैं, जबकि अधिकारियों और डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा रही है। सबसे पहले स्वास्थ्य मंत्री का इस्तीफा लिया जाना चाहिए।
पटवारी ने सरकार को बताया असंवेदनशील
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस मामले में कहा कि सरकार बेहद असंवेदनशील है। यहां तक कि जब तमिलनाडु ने कहा कि कफ सिरप में कुछ ऐसे तत्व थे, जो बच्चों की मौत का कारण बन रहे थे, तब भी सरकार उसे क्लीन चिट देती रही। अगर सरकार में थोड़ी भी शालीनता है, तो अभी स्वास्थ्य मंत्री का इस्तीफा मांगना चाहिए। क्या सरकार को हत्या का लाइसेंस दे दिया गया है?