सोफिया कुरैशी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने विजय शाह की माफी को किया अस्वीकार, कहा-कई बार लोग मगरमच्छ के आंसू भी बहाते हैं.


नई दिल्ली। कर्नल सोफिया कुरैशी को आतंकवादियों की बहन बताने वाले मध्यप्रदेश के मंत्री विजय शाह को सुप्रीम कोर्ट से फिर फटकार मिली है। कोर्ट ने उनकी माफी स्वीकार करने से भी इनकार कर दिया है। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि याचिकाकर्ता माफी पर बार-बार जोर दे रहे हैं, वह वीडियो देखना चाहेंगे कि विजय शाह ने किस तरह की माफी मांगी है क्योंकि कई बार कानूनी प्रक्रिया से बचने के लिए कुछ लोग मगरमच्छ के आंसू भी बहाते हैं।
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनावई कै दारान शाह के वकील ने कोर्ट में कहा कि हमने 15 मई के फैसले के खिलाफ दूसरी एसएलपी दाखिल की है और याचिकाकर्ता माफी भी मांग चुके हैं। विजय शाह ने विवादित बयान पर माफी मांगते हुए एक वीडियो जारी किया था। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि हमने आपका वीडियो मंगवाया है। हम देखना चाहते हैं कि किस तरह की आपने माफी मांगी है। माफी का कोई मतलब होता है। कभी-कभी सिर्फ कार्रवाई से बचने के लिए कोई मगरमच्छ के आंसू भी बहाता है। हम देखेंगे कि आपकी कौन सी माफी है? उन्होंने कहा कि हमें ऐसी माफी की जरूरत नहीं, आपने बेकार बयान दिया। आपको पद की गरिमा का ख्याल नहीं। आपको जिम्मेदारी दिखानी चाहिए थी।
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि किस तरह की टिप्पणी आपने की। पूरी तरह से बिना सोचे-समझे। आप उस माफी पर जोर दे रहे हैं। आपको ईमानदारी से प्रयास करने से किसने रोका है? ये न्यायालय की अवमानना नहीं है। आप यहां आए हैं इसलिए माफी मांग रहे हैं। ये है आपका रवैया?' जस्टिस सूर्यकांत ने विजय शाह से कहा कि आप एक पब्लिक फिगर हैं, राजनेता हैं। आपको बोलते समय अपने शब्दों का ख्याल रखना चाहिए। हमें यहां आपका वीडियो दिखाना चाहिए। मीडिया वाले वीडियो की गहराई में नहीं जा रहे हैं। आप वहां मंच पर खड़े थे, जहां आपने इस घटिया भाषा का इस्तेमाल किया, बहुत गंदी भाषा, लेकिन कुछ ऐसा हुआ कि आप रुक गए। ये सेना के लिए महत्वपूर्ण मुद्दा है। हमें बहुत जिम्मेदार होने की जरूरत है।
विजय शाह ने बेंच से कहा कि मैं दिल से क्षमा मांगता हूं। जज ने माफी स्वीकार करने से इनकार करते हुए वकील से कहा कि आगे की दलील दीजिए। उन्होंने कहा कि मंत्री का आचरण आदर्श होना चाहिए। विजय शाह के वकील ने फिर माफी मांगी तो सुप्रीम कोर्ट ने कह कि फिर आप बाहर जाकर बोलेंगे कि कोर्ट के कहने पर माफी मांगी। आपके बयान को इतने दिन हो गए। पूरे देश मे नाराजगी फैली। अगर आपकी भावना सच्ची होती तो अगर-मगर लगाकर खेद नहीं जताते।
जांच के लिए तीन आईपीएस की एसआईटी
मध्य प्रदेश पुलिस की वकील ने बेंच को बताया कि इंदौर पुलिस एफआईआर दर्ज करने के बाद जांच कर रही है। तीन आईपीएस की SIT का गठन किया जा रहा है। कोर्ट ने वकील से कहा कि कार्रवाई निष्पक्ष होनी चाहिए। हमने मामले के तथ्यों को देखा। तीन डायरेक्टली रिक्रूटेड आईपीएस की एसआईटी बना रहे हैं। एमपी कैडर के यह अधिकारी मूल रूप से मध्य प्रदेश के बाहर के होंगे। एसाईटी का गठन डीजीपी कल सुबह 10 बजे तक कर दें। उन्होंने कहा कि एसआईटी को आईजी रैंक के अधिकारी लीड करेंगे और टीम में एक महिला अधिकारी भी होंगी। एसआईटी टीम समय-समय पर स्टेटस रिपोर्ट दे। पहली स्टेटस रिपोर्ट 28 मई को दी जाए।