संघ प्रमुख मोहन भागवत को इतनी अच्छी लगी प्रहलाद पटेल की किताब, खुद ही दे दी लोकार्पण की सहमति, न होर्डिंग-न प्रचार, इंदौर में हो रहा अनोखा आयोजन.


-हरीश फतेहचंदानी, न्यूज हेड HBTV NEWS
इंदौर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत 14 सितंबर को एक बार फिर इंदौर आ रहे हैं। इस बार का प्रयोजन थोड़ा अलग है और आयोजन भी अलग है। संघ प्रमुख भागवत इस बार प्रदेश के मंत्री और भाजपा के कद्दावर नेता प्रहलाद पटेल की नर्मदा परिक्रमा पर लिखी किताब का लोकार्पण करने आ रहे हैं।
इस कार्यक्रम को लेकर भाजपा में जबरदस्त चर्चा है और सबसे ज्यादा इस बात की चर्चा है कि आखिर संघ प्रमुख आ कैसे रहे हैं? क्या इससे प्रहलाद पटेल का राजनीतिक कद बढ़ेगा या फिर अपने विरोधियों को वे कुछ संदेश देना चाहते हैं। अटकलों का बाजार गर्म है। इस बीच शुक्रवार को इंदौर में प्रहलाद पटेल से जब मुलाकात हुई तो यह सवाल मैंने भी कर लिया। इस दौरान कुछ अनौपचारिक बातचीत भी हो गई।
पढ़ने के लिए भेजी थी किताब
मंत्री पटेल ने इन सारी अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा कि इसमें उनका कोई छुपा हुआ राजनीतिक एजेंडा नहीं है। उन्होंने कहा कि मेरी इतनी हैसियत नहीं कि मोहन भागवत जी से मुलाकात कर सकूं और उनके कोई निवेदन कर सकूं। मैंने तो किताब पढ़ने के लिए उन्हें भेजी थी। शायद उन्हें पसंद आ गई। फिर मेरे पास संघ मुख्यालय से फोन आया कि मोहन भागवतजी 14 सितंबर को इंदौर में इस पुस्तक का लोकार्पण करने आ रहे हैं। समय, स्थान सब नागपुर से ही तय हुआ है।
मंच पर भी नहीं बैठेंगे पटेल
प्रहलाद पटेल ने कहा कि वे इसका कोई राजनीतिक फायदा नहीं उठाना चाहते। इसीलिए न तो कोई होर्डिंग लगा है या न कोई बैनर। पटेल ने कहा कि अगर उन्हें ऐसा करना होता तो वे यह कार्यक्रम अपनी विधानसभा क्षेत्र में करवाते। वे इस कार्यक्रम में मंच पर भी नहीं बैठेंगे।
कार्यक्रम में 1500 लोग होंगे
14 सितंबर को ब्रिलंयट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित इस कार्यक्रम में करीब 1500 लोग होंगे। इसमें करीब 750 लोग उनकी विधानसभा क्षेत्र नरसिंहपुर के होंगे। इसके अलावा संघ और भाजपा के लोग तथा मीडिया के साथी रहेंगे।
अभी भी भरोसा नहीं हो रहा
पटेल ने कहा कि उनसे पिछले कई दिनों से लोग आश्चर्य से पूछ रहे हैं कि क्या मोहन भागवतजी आ रहे हैं? पटेल ने कहा कि उन्हें अभी भी भरोसा नहीं हो रहा कि संघ प्रमुख के हाथों उनकी किताब का लोकार्पण होने जा रहा है। पटेल ने कहा यह सब मेरा सौभाग्य है। मां नर्मदा की कृपा है।
30 साल पहले लिख दी थी किताब
मंत्री पटेल ने कहा कि उन्होंने 1995 में जब नर्मदा परिक्रमा की थी, तभी इसे लिख दिया था, लेकिन छपने के लिए नहीं दिया था। मैंने 30 साल पहले परिक्रमा की थी। इसके बाद 20 साल पहले भी गया था। इसके बाद भी गया, लेकिन तब और आज में काफी बदलाव आया है। जो स्थान मैंने 30 साल पहले देखे थे, वे नहीं मिले।