खनिज विभाग के अधिकारियों के खिलाफ लोकायुक्त ने दर्ज किया केस, हाईकोर्ट ने दिए थे आदेश.


इंदौर। लोकायुक्त ने खनिज विभाग के अधिकारियों तथा कुछ अन्य लोगों पर केस दर्ज कर लिया है। इस संबंध में इंदौर हाईकोर्ट ने लोकायुक्त को आदेश दिए थे। एक मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा था कि बिना खनिज अधिकारियों की मिलीभगत से इस तरह के कृत्य नहीं हो सकते है।
इंदौर हाईकोर्ट के जस्टिस विनय रूसिया और बिनोद कुमार द्विवेदी ने खदान आवंटन में फैसला सुनाते हुए कहा कि गैर कानूनी तरीके से खदान का लीज आवंटन, नवीनीकरण और विक्रय पूर्णतः अधिकारियों के सांठगांठ के बिना संभव नहीं है। ऐसे कृत्य के लिए भ्रष्टाचार नियम के तहत अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज की जाए।
7 वर्ष के बच्चे को दे दी खदान
27 अगस्त 1997 को दीपक पिता किशनलाल वर्मा निवासी-जवाहर टेकरी धार रोड द्वारा कलेक्टर इंदौर को 10 वर्ष की अवधि हेतु उत्खनन पट्टा दिए जाने का आवेदन किया था। उक्त आवेदन ग्राम रावद के सर्वे कमांक 33/1/4/3 के 9 एकड़ क्षेत्र हेतु किया गया था तथा आवेदक की उम्र 18 वर्ष लेख की गई थी। शपथ पत्र में भी उम्र 18 वर्ष लेख की थी, परन्तु आधार कार्ड जो संलग्न किया है उसमें जन्म वर्ष 1990 लेख है अर्थात उस समय आवेदक दीपक पिता किशनलाल वर्मा की उम्र 7 वर्ष ही थी। इसके उपरांत भी तत्कालीन खनिज अधिकारियों ने दीपक वर्मा के नाम से उत्खनन पट्टा जारी करवा दिया।
अधिकारियों ने ध्यान ही नहीं दिया
इस खनन पट्टे को 10 वर्ष के लिए दिया गया था। वर्ष 2008 में 10 वर्ष हेतु पट्टे का नवीनीकरण कलेक्टर पत्र दिनांक 28 अप्रैल 2008 से किया गया। इस दौरान भी तत्कालीन खनिज अधिकारी/कर्मचारियों ने दस्तावेज ठीक से चैक नहीं किए तथा शपथ पत्र में आवेदक दीपक वर्मा द्वारा उम्र-19 वर्ष बताई गई जो वर्ष 1997 में आवेदन के समय 18 वर्ष बतायी थी।
दीपक वर्मा ने शमा खान को दे दिए अधिकार
दीपक वर्मा द्वारा शमा खान के पक्ष में खनिज उत्खनन के लीज अधिकार सहित गिट्टी प्लांट पर निर्मित क्वार्टर्स, मशीनरीज, जनरेटर एवं अन्य उपकरणों के क्रय-विक्रय का लेख 18 फरवरी 2017 को किया। इसके बाद दीपक वर्मा व शमा खान के बीच पॉवर ऑफ अटार्नी का स्टॉम्प पर कान्ट्रैक्ट हुआ तथा उक्त खदान से संबंधित अधिकार दीपक वर्मा ने शमा खान के पक्ष में मुख्त्यारनामा 08 अगस्त 2017 को लेख किया।
पट्टे की शर्तों का किया उल्लंघन
शमा खान ने 06 अप्रैल 2018 को खदान पट्टे के नवीनीकरण हेतु आवेदन किया। यह आवेदन दीपक वर्मा के स्थान पर आम मुख्त्यार की हैसियत से स्वयं किया। 19 जुलाई 2018 को पट्टा स्वीकृत हो गया। यह पट्टा पूर्णतः नियम विरूद्ध शमा खान के नाम से जारी किया गया जबकि उक्त पट्टा अहस्तांतरर्णीय था। इस तरह पट्टे की शर्तों का उल्लघंन हुआ है। इसमें मंजूर प्राधिकारी की बिना लिखित सहमति के खनन पट्टा दूसरे व्यक्ति के नाम पर नियम विरूद्ध अंतरित किया गया है। यह खनिज अधिकारी व अन्य संबंधित कर्मचारी तथा शमा खान द्वारा आपराधिक षड्यंत्र कर खनन पट्टा अंतरित किया है।
घोटाले के समय रहे अधिकारियों पर होगी कार्रवाई
अतः उक्त दर्शित अवधि में पदस्थ रहे माइनिंग अधिकारी जिला इंदौर एवं उनके लिपिकीय स्टाफ, लीज धारक एवं लीज विक्रयकर्ता दीपक वर्मा निवासी जवाहर टेकरी धार रोड इंदौर तथा लीज क्रययकर्ता शमा खान पिता अब्दुल रहमान खान नगर पालिका के सामने सागौर जिला धार एवं अन्य के विरूद्ध केस दर्ज किया गया है। इन सभी पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13 (1) डी. 13 (2) एवं भादवि की धारा 120बी, 420 के अन्तर्गत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना शुरू कर दी गई है।