संघ के खिलाफ खड़गे परिवार : कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे बोले-संघ पर लगना चाहिए प्रतिबंध, बेटा प्रियांक पहले ही कर्नाटक के सीएम से निकलवा चुका है आदेश.
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि देश में ज्यादातर कानून-व्यवस्था की समस्याएं भाजपा और आरएसएस की वजह से पैदा हो रही हैं। उन्होंने कहा कि उनकी व्यक्तिगत राय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। इससे पहले खड़गे के बेटे और कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक ने सीएम सिद्धारमैया को चिट्ठी लिखकर संघ की गतिविधियों पर अंकुश लगाने की मांग की थी।
खड़गे ने सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कांग्रेस पर किए गए हमलों पर पलटवार किया। उन्होंने सरदार पटेल के उस बयान का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने महात्मा गांधी की हत्या (1948) के बाद आरएसएस की आलोचना की थी। आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने के सवाल पर खड़गे ने कहा, यह मेरी निजी राय है, इसे किया जाना चाहिए, क्योंकि देश में ज्यादातर मुद्दे और कानून-व्यवस्था की दिक्कतें भाजपा-आरएसएस से जुड़ी हैं। उन्होंने कहा कि आज देश लौह पुरुष सरदार पटेल की जयंती और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि मना रहा है। ये दोनों महान नेता एक आयरन मैन और एक 'आयरन लेडी' देश की एकता बनाए रखने में बड़ा योगदान देने वाले थे।
संघ को लेकर पटेल के पत्र का किया जिक्र
खड़गे ने एक पत्र का भी जिक्र किया जो सरदार पटेल ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी को लिखा था, जिसमें उस समय के गृह मंत्री पटेल ने कहा था कि आरएसएस ने ऐसा माहौल बनाया, जिससे महात्मा गांधी की हत्या जैसी त्रासदी संभव हो सकी। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा हमेशा यह दिखाने की कोशिश करती है कि नेहरू और पटेल के बीच मतभेद थे, जबकि हकीकत में दोनों एक-दूसरे का बहुत सम्मान करते थे। नेहरू ने पटेल की देश की एकता कायम करने में भूमिका की तारीफ की थी और पटेल ने नेहरू को देश का आदर्श नेता बताया था।
बेटे प्रियांक ने सिद्धारमैया से जारी करवाया था आदेश
उल्लेखनीय है कि मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे और कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे ने सीएम को एक पत्र लिखकर बैन लगाने की मांग की थी। प्रियांक खड़गे के पत्र के बाद, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुख्य सचिव शालिनी रजनीश को मामले की जांच करने और उचित कार्रवाई करने को कहा है। इसमें कहा गया था कि सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों, सार्वजनिक पार्कों, खेल के मैदानों, सरकारी नियंत्रण वाले मंदिरों और पुरातात्विक स्थलों पर आरएसएस की शाखाओं, बैठकों या सभाओं सहित गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह संगठन अपनी गतिविधियों के माध्यम से नफरत के बीज बो रहा है। उन्होंने कहा कि आरएसएस कार्यकर्ता पुलिस से अनुमति लिए बिना सार्वजनिक स्थानों पर अपनी लाठियां प्रदर्शित कर रहे हैं। इसके बाद सीएम सिद्धारमैया ने आदेश जारी किया था, जिस पर फिलहाल कर्नाटक हाईकोर्ट ने स्टे दे दिया है।