इंदौर मीडिया कॉन्क्लेव: महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने सुनाई नवाचार के शहर इंदौर की कहानी, बताया किस तरह 2050 के लिए तैयार हो रहा शहर
by Ardhendu bhushan
- Published On : 09-Apr-2025 (Updated On : 09-Apr-2025 03:29 pm )
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इंदौर। प्रेस क्लब के स्थापना दिवस पर आयोजित तीन दिवसीय इंदौर मीडिया कॉन्क्लेव के तीसरे दिन महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने नवाचार के शहर इंदौर की कहानी सुनाई। महापौर ने बताया कि किस तरह इंदौर को 2050 के लिए तैयार किया जा रहा है। किस तरह इंदौर सफाई से लेकर अन्य कामों में दूसरे शहर से आगे बढ़ा और बढ़ रहा है।
महापौर ने बताया कि जब इंदौर स्वच्छता सर्वेक्षण में पहली बार शामिल हुआ तो 47 वें नंबर पर था। उन्होंने कहा कि देश के प्रति लोगों में भाव भरने का काम दो काल में हुआ। एक जब महात्मा गांधी अफ्रीका से भारत आए। तब उन्होंने देश को आजाद कराने के साथ-साथ सफाई का भी आग्रह किया था। दूसरा जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देश को स्वच्छ बनाने की अपील की थी। जब पहला सर्वे हुआ तो सिर्फ 77 नगर निगम, पंचायत आदि शामिल थीं, लेकिन 2023 में यह संख्या 4773 हो गई। इसका मतलब साफ था कि देश की लगभग आधी आबादी स्वच्छता के प्रति जागरूक हुई।
घरों से कपड़ों की कतरन भी लेगा निगम
महापौर ने इंदौर में हुए नवाचार को लेकर कहा कि इसमें नागरिकों के साथ ही अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। यही वजह है सफाई के मामले में इंदौर सबसे आगे निकला। इंदौर ऐसा पहला शहर है जहां 6 तरह के कचरे उठाए जाते हैं और इसकी प्रोसेसिंग होती है। अब एप के माध्यम से कचरा कलेक्शन शुरू होने जा रहा है। इसके साथ घरों से कपड़ों की कतरन लेने की व्यवस्था भी शुरू की जाएगी। इन्हीं वजहों से इंदौर देश और दुनिया में मॉडल है।
निगम ने शुरू की इन्टर्नशिप
नगर निगम लगातार नए आइडिया पर काम करता रहा। पहली बार निगम में 45 दिनों की फ्री इन्टर्नशिप शुरू की गई। इसका फायदा यह हुआ कि कॉलेज के स्टूडेंट्स से कई तरह के नए-नए सुझाव मिले, जिस पर अमल भी किया गया। सबसे बड़ा लक्ष्य है कि 2050 के इंदौर को आत्मनिर्भर बनाना। इस दिशा में प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। शहर की लाइट्स को एलईडी में बदला गया, जिससे बिजली पर खर्च होने वाली राशि काफी कम हुई। निगम का सबसे ज्यादा खर्च जलूद से पानी लाने पर होता है। इसके लिए सोलर का सहारा लिया जा रहा है। सोलर पार्क बनाया गया है।
निगम पर ठेकेदारों के 800 करोड़ बाकी थे
महापौर भार्गव ने बताया कि नगर निगम पर ठेकेदारों के करीब 800 करोड़ रुपए बाकी थे। पिछले एक साल में 400 करोड़ रुपए चुका दिए गए हैं। इस बार नगर निगम को एक करोड़ रुपए का राजस्व मिला। निगम अब अपना खर्च खुद ही निकालने की कोशिश में जुटा है। अब निगम में हर महीने की एक तारीख को सैलरी मिल जाती है।
डिजिटलाइजेशन पर जोर
महापौर ने बताया कि नगर निगम अब डिजिटलाइजेशन पर जोर दे रहा है। इसके माध्यम से दस्तावेज सुरक्षित किए जा रहे हैं। खुद का नया पोर्टल बनाने के लिए टेंडर निकाला गया, जो जल्द ही शुरू हो जाएगा। नागरिकों को एक आईडी छह-आठ महीने में दे देंगे, जिसके माध्यम से वे टैक्स भर सकेंगे।
2050 के इंदौर की तैयारी शुरू
2050 के इंदौर की जरूरतों के हिसाब से पानी की व्यवस्था करना सबसे बड़ी चुनौती है। ऐसी कोशिश है कि चार साल में 900 एमएलडी पानी शहर को मिलने लगे। सड़कों की मरम्मत का जिक्र करते हुए महापौर ने कहा कि इसमें भी नवाचार किया गया है। जिस सीमेंट की सड़क की मरम्मत करने में पहले 10-15 दिन लगते थे, अब उसे दो घंटे में किया गया है। नगर निगम ने पानी और बिजली बचाने में भी नवाचार किया है। बिजली बचाने की अपील का असर ऐसा हुआ कि जनवरी में 75 लाख यूनिट और फरवरी में 80 लाख यूनिट लोगों ने बचाई है। स्वागत भाषण प्रेस क्लब अध्यक्ष अरविंद तिवारी ने दिया। इस सत्र में लोगों ने महापौर से कई सवाल भी पूछे।
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