29℃ Madhya Pradesh

Get In Touch

विश्वास का वध: जब रिश्ते ही हत्यारे बन जाएं

Logo

विश्वास का वध: जब रिश्ते ही हत्यारे बन जाएं

इंदौर के नवविवाहित जोड़े राजा और सोनम की कहानी, जो मेघालय की खूबसूरत वादियों में हनीमून मनाने गई थी, अब एक ऐसे भयानक मोड़ पर आकर रुकी है जिसने पूरे समाज को भीतर तक झकझोर दिया है। जहां एक ओर प्रेम, भरोसे और साथ की शुरुआत होनी चाहिए थी, वहीं इस रिश्ते की अंतिम परिणति एक निर्मम हत्या में हुई—जिसका संदेह अब उसी पर है, जिससे जीवनभर साथ निभाने की कसमें खाई गई थीं।

यह घटना सिर्फ एक हत्या नहीं है, यह भरोसे की हत्या है, संवेदनाओं की हत्या है, और सबसे बड़ा सवाल ये है: अब किस पर विश्वास किया जाए?

Meghalaya murder: CCTV footage deepens mystery of Indore couple Raja, Sonam  Raghuvanshi | Latest News India - Hindustan Times

जब एक जीवनसाथी ही जीवन छीन ले, तो रिश्तों के मायने क्या बचते हैं?

शादी दो आत्माओं का मिलन मानी जाती है, एक ऐसा वादा जिसमें साथ जीने-मरने की कसमें खाई जाती हैं। लेकिन जब वह वादा खून में लथपथ मिले, तो सवाल सिर्फ एक व्यक्ति पर नहीं, पूरे समाज पर उठता है। क्या हमने रिश्तों को केवल दिखावा बना दिया है? क्या अब विवाह महज एक औपचारिकता है, जिसके पीछे लालच, छल या बदले की भावना छिपी होती है?

राजा के माता-पिता, जिन्होंने अपने बेटे को दुल्हा बनाकर विदा किया, क्या उन्होंने कभी सोचा था कि उनकी खुशी चंद दिनों में मातम में बदल जाएगी? राजा, जो शायद सोनम को अपना सबकुछ मान बैठा था, क्या उसने कभी सोचा होगा कि वही हाथ जो उसकी हथेली थामे थे, वही उसकी सांसें भी छीन सकते हैं?

आज हम सबको रुककर सोचने की जरूरत है।
रिश्ते अब इतने खोखले क्यों हो गए हैं?
क्यों एक मुस्कान के पीछे धोखे की तलवार छुपी होती है?
क्यों अब विश्वास एक विलासिता बन गया है?

यह घटना केवल राजा की हत्या नहीं है, यह हमारे समाज में फैलती उस ठंडक की निशानी है जो रिश्तों की गर्माहट को खत्म कर रही है।
यह हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हम सच में एक ऐसा समाज बना चुके हैं जहाँ दिल से ज़्यादा दिमाग और स्वार्थ से रिश्ते तय होते हैं?

राजा अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उसकी कहानी हमें एक चेतावनी दे गई है।
हमें अपने बच्चों को रिश्तों की असल अहमियत समझानी होगी।
हमें अपने समाज में फिर से ईमानदारी, सम्मान और विश्वास को जिंदा करना होगा।
वरना कल को किसी और राजा की कहानी भी ऐसे ही खून से लिखी जाएगी।

और तब भी हम चुप रह जाएंगे…
क्योंकि हम रिश्तों की कब्रगाह में जीने के आदी हो चुके होंगे।

अब भी वक़्त है—जागिए। रिश्तों को निभाइए, मत निभाइए तो धोखा मत दीजिए। क्योंकि एक बार टूटे भरोसे के साथ, इंसान भी टूट जाता है।


 

Article By :
Abhilash Shukla

abhilash shukla editor

img
Editor

Abhilash Shukla

A Electronic and print media veteran having more than two decades of experience in working for various media houses and ensuring that the quality of the news items are maintained.

Post a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

WhatsApp