धार जिले के राजौंद थाने का प्रधान आरक्षक 22 हजार 500 रुपए की रिश्वत लेते पकड़ाया, लोकायुक्त इंदौर की कार्रवाई.


इंदौर। लोकायुक्त की इंदौर इकाई ने धार जिले के थान राजौंद के प्रधान आरक्षक बनेसिंह परमार को 22 हजार 500 रुपए की रिश्वत लेते रंगेहाथों पकड़ा है। उसके साथ ही रिश्वत लेने में सहयोग करने वाले भारत डामर को भी पकड़ा गया है। प्रधान आरक्षक ने एफआईआर से नाम हटाने के एवज में 50 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी।
पुलिस अधीक्षक, विशेष पुलिस स्थापना, लोकायुक्त इंदौर राजेश सहाय ने बताया कि ग्राम झिन्झापाडा. तहसील-सरदारपुर, जिला-धार के नानूराम ओसारी ने उनसे शिकायत की थी। इसमें कहा गया था कि आवेदक 14 मार्च को दोपहर में ग्राम बोला, तहसील सरदारपुर, जिला-धार में भजन संध्या करने के गया था। उसी दिन आवेदक के गांव में भगवान सिंह भाभर और सुरेश औसारी का झगड़ा हो गया था। इसकी रिपोर्ट भगवान सिंह की पत्नी छन्नुबाई ने पुलिस थाना राजोद में सुरेश औसारी के साथ-साथ आवेदक के परिवार के करीब 8 लोगों के खिलाफ दर्ज करवाई थी। जिसका अनुसंधान पुलिस थाना राजौद के प्रधान आरक्षक बनेसिंह परमार द्वारा की जा रही थी। 15 मार्च को आरोपी प्रधान आरक्षक ने आवेदक को थाने पर बुलाया। आवेदक ने आरोपी को बताया कि वह 14 मार्च को को भजन संध्या में ग्राम बोला गया था और आज ही सुबह वापस आया है। एफआईआर में उसका नाम झूठा लिखवाया गया है। इस पर प्रधान आरक्षक ने आवेदक का नाम केस से हटाने के एवज में 50 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। जांच में शिकायत सही पाए जाने पर आज यानी शुक्रवार 21 मार्च को ट्रेप दल का गठन किया गया। आज आरोपी बनेसिंह परमार के कहने पर भारत डामर ने आवेदक से 22 हजार 500 रुपए की रिश्वत ली, जिसे रंगोहाथों पकड़ा गया। दोनों आरोपियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 की धारा-7 एवं धारा 61(2) बी.एन. एस. 2023 के अंतर्गत कार्यवाही की जा रही है। ट्रेप दल में डीएसपी सुनील तालान, निरीक्षक राहुल राजभिये, प्रधान आरक्षक प्रमोद यादव, आरक्षक विजय कुमार, आरक्षक अशीष नायडू, आरक्षक कमलेश परिहार, आरक्षक आशीष आर्य एवं शेरसिंह ठाकुर शामिल थे।