भतीजे की शादी के बहाने अपनी बंद दुकान शुरू करने में जुटे संजय शुक्ला, गोलू के लिए हमेशा गड्ढा खोदने के बाद अब बन रहे हितैषी.
इंदौर। पूर्व कांग्रेस विधायक और वर्तमान भाजपा नेता संजय शुक्ला इन दिनों अपने भतीजे यानी गोलू शुक्ला के बेटे अंजनेश की शादी का भरपूर फायदा उठा रहे हैं। हर रस्म में वे सक्रिय होकर यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि वे गोलू के सबसे बड़े हितैषी हैं, जबकि पूरे इंदौर को उन दोनों के संबंधों के बारे में पता है।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा एक में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय से बुरी तरह हार के बाद संजय शुक्ला काफी समय तक अज्ञातवास में थे। न किसी आयोजन में और न ही सार्वजनिक रूप से कहीं नजर आ रहे थे। विधानसभा चुनाव में विजयवर्गीय को खूब बुरा-भला कहा था। इसलिए यह डर भी था कि कहीं धंधे-पानी में दिक्कत न आ जाए। यही कारण है कि एक दिन भोपाल में आयोजित एक कार्यक्रम में अपने आका सुरेश पचौरी के साथ भाजपा में शामिल हो गए।
भाजपा ने बिल्कुल ही नहीं दिया भाव
संजय शुक्ला भाजपा में आ तो गए, लेकिन उन्हें बिल्कुल ही भाव नहीं मिला। न संगठन में कोई पद मिला न ही निगम-मंडल में कोई स्थान। इतना ही नहीं इंदौर में होने वाले भाजपा के आयोजनों में भी उन्हें नहीं पूछा गया। हां, भाजपा में आने का सिर्फ एक ही फायदा हुआ कि उनके धंधे-पानी पर सरकार की नजर तिरछी नहीं हो रही है।
न कांग्रेस के रहे और न ही भाजपा के
संजय शुक्ला हालांकि कांग्रेस में रहते हुए भी कांग्रेस के कभी नहीं हुए। उन्होंने सिर्फ अपनी दुकानदारी से ही मतलब रखा। इसके साथ ही शुरू से भाजपा में रहे गोलू शुक्ला धीरे-धीरे पार्टी में अपना रास्ता बनाते रहे। यही वजह है कि विधायक की कुर्सी भी उन्हें मिली। आज भाजपा में गोलू की अच्छी इमेज है, लेकिन संजय शुक्ला न तो भाजपा के हो पाए और न कांग्रेस के।
गोलू के साथ क्या किया, लोग नहीं भूले
संजय शुक्ला ने गोलू शुक्ला के साथ क्या-क्या किया, यह भाजपा के कार्यकर्ता और आम लोग भूले नहीं हैं। पैसे से लेकर पद तक का रुतबा गोलू को दिखाते रहे। जहां भी मौका मिला गोलू को नीचा दिखाने से नहीं चूके। रिश्तेदारी है तो शादी में जाना जरूरी है, लेकिन जिस तरह से खुद को प्रेजेन्ट कर रहे हैं, उससे भाजपा के ही कार्यकर्ता सवाल उठा रहे हैं। कार्यकर्ता तो यह भी कह रहे कि चाहे लाख कोशिश कर लें, संजू भिया की बंद दुकान अब नहीं चालू होनेवाली।
एक नंबर में तो कोई मौका ही नहीं
भाजपा के कार्यकर्ता ही कह रहे हैं कि मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के आने के बाद संजय शुक्ला के लिए एक नंबर विधानसभा में तो कोई मौका है ही नहीं। कांग्रेस ने तो महापौर से लेकर विधायक तक लड़वा दिया, लेकिन भाजपा में दूर-दूर तक संजय शुक्ला के लिए टिकट की कोई गुंजाइश नहीं। ऐसे में गोलू के पीछे खड़ा होना संजय शुक्ला की मजबूरी है। भाजपा कार्यकर्ता यह भी कह रहे कि संजू भिया अब समझ लो कि राजनीति में आपके दिन लद गए। चुपचाप धंधा-पानी में ही जुटे रहो।