मध्यप्रदेश में आकांक्षी युवा पर सियासत : कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा-मोदीजी इस आइडिया को पूरे देश में लागू करेंगे.


भोपाल। मध्यप्रदेश में बेरोजगारों को आकांक्षी युवा करने पर सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने इसको लेकर सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने एक्स पर लिखा-मध्यप्रदेश में बेरोजगार अब बेरोजगार नहीं आकांक्षी युवा कहलाएंगे। ना रहेगा बांस, ना रहेगी बांसुरी। ना बेरोजगार होंगे, ना बेरोजगारी खत्म करने का टेंशन। सुनने में आ रहा है मोदी जी को आइडिया पसंद आया है। पूरे देश में लागू करने पर विचार कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश विधानसभा सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक प्रताप सिंह ग्रवाल ने बेरोजगारी को लेकर सरकार से सवाल पूछा था। जवाब मे रोजगार विभाग ने उन्हें आकांशी युवाओं की जानकारी दी। विभाग की ओर से बताया गया कि आठ माह में प्रदेश के 33 लाख से ज्यादा बेरोजगार आकांक्षी युवा बन गए। 8 महीने पहले पूछ गए सवाल में सरकार ने माना कि प्रदेश में 33 लाख युवाओं के पास नौकरी नहीं है। 8 महीने बाद जब फिर से बेरोजगारी को लेकर आंकड़ा मांगा गया तो यह जवाब मिला। विधानसभा में कांग्रेस विधायक को जवाब मिला कि पंजीकृत बेरोजगारों की जानकारी संधारित नहीं की जाती, अपितु आकांक्षी युवाओं की जानकारी संधारित है। पिछले पांच साल में प्रदेश 2700 से ज्यादा रोजगार मेले लगाए गए, जिसमें 3 लाख युवाओं को रोजगार मिला। सीएम डॉ. मोहन यादव ने भी एक निजी कार्यक्रम में युवाओं को आकांक्षी युवा कहा था।
भाजपा रख रही है अपना अलग तर्क
राज्य के रोजगार पोर्टल ने मध्य प्रदेश में बेरोजगार युवाओं की संख्या सूचीबद्ध करते समय आकांक्षी युवा शब्द का इस्तेमाल किया और उनकी संख्या 29.37 लाख से अधिक बताई है। वहीं तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास राज्य मंत्री गौतम टेंटवाल ने शनिवार को कहा कि आकांक्षी युवा के पीछे सरकार की सोच यह है कि सरकारी या गैर सरकारी नौकरियों में कार्यरत युवा उच्च पद पाने की आकांक्षा रखें और बेरोजगार युवा नौकरी की आकांक्षा रखें और सेवायोजन कार्यालय में पंजीकरण कराएं।
भाजपा प्रवक्ता ने किया सरकार का बचाव
सरकार के इस कदम का बचाव करते हुए भाजपा प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने एक समाचार एजेंसी से कहा कि मध्य प्रदेश और देश में भाजपा सरकार का प्रयास रोजगार यानी स्वरोजगार उपलब्ध कराना है। इसीलिए राज्य सरकार ने एक विशाल वैश्विक निवेशक सम्मेलन का आयोजन किया, जहां रोजगार और स्वरोजगार के अवसर पैदा किए जा रहे हैं। एक सरकारी विज्ञाप्ति में कहा गया है कि भारत की आबादी 145 करोड़ है, ऐसे देश में सरकारी नौकरियों का अनुपात एक प्रतिशत से अधिक नहीं है। इसमें कहा गया है कि राज्य आत्मनिर्भरता और उद्यमिता के जरिए आकांक्षी युवाओं को रोजगार से जोड़ने का प्रयास कर रहा है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि अब से राज्य में बेरोजगार युवाओं को आकांक्षी युवा कहा जाएगा।
कांग्रेस ने की सरकार की आलोचना
इस मामले में कांग्रेस ने राज्य सरकार की आलोचना करते हुए बेरोजगार युवाओं का मजाक उड़ाने का आरोप लगाया है। मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने कहा कि शिक्षित युवा जिनके पास योग्यता होने के बावजूद कोई काम नहीं है, वे बेरोजगार हैं! मध्य प्रदेश सरकार कई आश्वासनों के बावजूद उन्हें रोजगार देने में असमर्थ है, इसलिए उसने आकांक्षी युवा नाम का नया शब्द गढ़कर उनकी लाचारी का मजाक उड़ाया है। सिंघार ने कहा कि उपनिरीक्षक, सूबेदार, लेखाकार और उप-लेखा परीक्षकों की भर्तियां आठ साल से लंबित हैं। उन्होंने राज्य सरकार पर अपनी कमियों को छिपाने के लिए बेरोजगार युवाओं के जीवन से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। कांग्रेस नेता ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार अपनी अक्षम सरकार को छिपाने के लिए स्थानों और संस्थानों के नाम बदल रही है।