एनएचएआई ने बिना सर्विस रोड शुरू कर दिया पुल का काम, इसलिए इंदौर-देवास रोड पर लग रहा जाम, चालान काटने वालों को भी कलेक्टर ने अब लगाया काम पर.


इंदौर। इंदौर-देवास रोड पर पिछले कई दिनों से जाम लग रहा है, लेकिन शासन-प्रशासन किसी को चिन्ता नहीं है। इस जाम ने एक किसान की बलि भी ले ली। आज कलेक्टर आशीष सिंह ने इस संबंध में बैठक लेकर व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने भी माना कि एनएचएआई ने अगर सर्विस रोड की व्यवस्था ठीक से की होती तो जाम की स्थिति नहीं बनती। इसके साथ ही कलेक्टर ने चौराहों पर चालान काट रहे ट्रैफिक कर्मियों को ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार के लिए लगाने को कहा है।
बताया जाता है कि पिछले तीन दिनों से इस रोड पर यही हालत है। गाड़ियां रेंग रही हैं, लेकिन इसका निदान निकालने की कोई कोशिश नहीं हुई। इसी जाम ने कमल पांचाल नाम के एक किसान की जान ले ली। वे कार में परिवार सहित जा रहे थे, तभी अर्जुन बड़ौदा के पास जाम लग गया, जिसमें उनकी कार भी फंस गई। कुछ देर बाद उन्हें घबराहट होने लगी। इस दौरान बेटे ने कार निकालने की कोशिश की, लेकिन वह आगे बढ़ नहीं सकी, क्योंकि वहां से मूव करने तक की जगह नहीं थी। इस बीच वे तड़पते रहे और बेहोश हो गए। करीब डेढ़ घंटे बाद जब जाम खुला तो परिवार के लोग उन्हें उसी कार से देवास के एक प्राइवेट हॉस्पिटल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
बिना वैकल्पिक मार्ग शुरू कर दिया पुल का काम
एबी रोड पर अर्जुन बड़ौद गांव से शुरू हुआ ट्रैफिक जाम दस-बारह किलोमीटर तक फैल गया है। टोल नाके के बाद से ही गाड़ियां अटकने लगी हैं। इंदौर से देवास जाने वाले रास्ते की तरफ फजीहत ज्यादा है। देवास से इंदौर आ रहे रास्ते पर भी रेंग कर गाड़ियां चल रही हैं। इंदौर-देवास मुख्य मार्ग पर अर्जुन बड़ौदा के पास पुल बनने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। लोगों का कहना है कि जहां पहले 30 मिनट का सफर था, अब वहां दो से ढाई घंटे लग रहे हैं। हालात ऐसे हैं कि स्कूली बच्चे, कॉलेज विद्यार्थी, व्यापारी और मरीज सभी इस भीषण जाम में फंसे नजर आ रहे हैं। लोगों का कहना है कि प्रशासन ने बिना कोई सर्विस रोड या डायवर्शन के सीधा पुल निर्माण शुरू कर दिया, जिससे जाम की समस्या गंभीर होती जा रही है।
शहर में भी नहीं देता कोई ध्यान
यह तो इंदौर-देवास मार्ग की बात हो रही है। शहर में भी हर शाम को कई इलाकों में जाम लगता है। वहां ट्रैफिक पुलिस भी तैनात रहती है, लेकिन ट्रैफिक मैनेजमेंट में उनकी कोई रुचि नहीं रहती। उनकी रुचि किसी कोने में खड़े होकर वाहन चालकों से वसूली में रहती है। आजकल तो आसपास की दुकानों और फल-सब्जी के ठेले वालों के पेटीएम पर पेमेंट की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाने लगी है। शहर के प्रमुख चौराहों को छोड़ दें तो बाकी का यही हाल है।
कलेक्टर ने भी माना-अच्छा नहीं हुआ सर्विस रोड का काम
कलेक्टर ने इस मामले में आज बैठक बुलाई। बैठक के बाद उन्होंने कहा कि अगर एनएचएआई के द्वारा सर्विस रोड का काम पहले और अच्छे तरीके से कर लिया जाता तो शायद यह समस्या नहीं आती। भारी वाहन एबी रोड पर चल रहे हैं। जैसे ही बारिश का पानी भर जाता है ट्रैफिक सिग्नल बंद हो जाते हैं। इससे ट्रैफिक बहुत ज्यादा बिगड़ता है।
चालानी कार्रवाई बंद कर ट्रैफिक सुधार में लगेगा अमला
कलेक्टर ने आज की बैठक में यह भी फैसला लिया कि बारिश के समय चालानी कार्रवाई बंद कर ट्रैफिक अमले को ट्रैफिक मैनेजमेंट में लगाया जाए। इसके साथ ही बारिश होने के बाद बंद हो रहे ट्रैफिक सिग्नल को सुधारने के निर्देश भी दिए गए हैं। इसके लिए कर्मचारी की तैनाती भी की जाएगी।