Published On :
02-Jan-2025
(Updated On : 02-Jan-2025 11:15 am )
बोनी कपूर और नागा वामसी के बीच 'साउथ बनाम नॉर्थ सिनेमा' पर जुबानी जंग.
Abhilash Shukla
January 2, 2025
Updated 11:15 am ET
बोनी कपूर और नागा वामसी के बीच 'साउथ बनाम नॉर्थ सिनेमा' पर जुबानी जंग
सिनेमा की बदलती दिशा और प्रभाव को लेकर निर्माता बोनी कपूर और नागा वामसी के बीच गर्मागर्म बहस छिड़ गई। वामसी ने जहां साउथ सिनेमा को हिंदी फिल्मों का दृष्टिकोण बदलने का श्रेय दिया, वहीं बोनी कपूर ने हिंदी सिनेमा के ऐतिहासिक प्रभाव और वैश्विक लोकप्रियता का बचाव किया।
वामसी का दावा: 'साउथ ने हिंदी फिल्मों का नजरिया बदला, नागा वामसी ने कहा तेलुगु फिल्मों ने हिंदी सिनेमा को बदल दिया क्योंकि बॉलीवुड सिर्फ बांद्रा और जुहू के लिए फिल्में बनाने में फंसा हुआ था।उन्होंने आरआरआर, बाहुबली, जवान, और एनिमल जैसी फिल्मों का उदाहरण देते हुए कहा कि साउथ सिनेमा की भव्यता ने हिंदी सिनेमा को नई दिशा दी।वामसी का कहना था कि मुगल-ए-आजम के बाद हिंदी सिनेमा ने ऐसी कोई फिल्म नहीं दी, जिसे वैश्विक स्तर पर याद किया जाए।
बोनी कपूर का पलटवार: 'हिंदी सिनेमा की वैश्विक पहचान'
बोनी कपूर ने वामसी के दावे को खारिज करते हुए कहा राज कपूर को रूस में आज भी याद किया जाता है, और मिस्र, मोरक्को जैसे देशों में अमिताभ बच्चन और शाहरुख खान का बोलबाला है।उन्होंने तेलुगु और तमिल फिल्मों की अंतरराष्ट्रीय पहचान को स्वीकारा लेकिन कहा कि हिंदी सिनेमा ने भारतीय फिल्मों को वैश्विक स्तर पर पहचान दी।बोनी ने अल्लू अर्जुन का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने खुद अमिताभ बच्चन को अपना आदर्श बताया है, जो हिंदी सिनेमा की शक्ति को दर्शाता है।
ओटीटी का बढ़ता प्रभाव
बोनी ने यह भी जोड़ा कि ओटीटी प्लेटफार्मों ने दर्शकों की सोच और सिनेमा की स्वीकार्यता को बदल दिया है।उन्होंने मराठी फिल्मों का जिक्र करते हुए कहा कि क्षेत्रीय सिनेमा भी अब 100 करोड़ क्लब में शामिल हो रहा है।उनके अनुसार, भाषा कभी बाधा नहीं होती; दर्शकों को जो अच्छा लगता है, वही सिनेमा सफल होता है।
बहरहालदोनों निर्माताओं ने अपने-अपने पक्ष में तर्क दिए, लेकिन यह बहस साउथ और नॉर्थ सिनेमा की बढ़ती प्रतिस्पर्धा और प्रभाव को उजागर करती प्रतीत होती है