चंद्रमा हर साल पृथ्वी से 1.5 इंच दूर जा रहा है: नया अध्ययन
अध्ययन का निष्कर्ष
एक नए अध्ययन में खुलासा हुआ है कि चंद्रमा हर साल 1.5 इंच (3.8 सेमी) की दर से पृथ्वी से दूर हो रहा है। इसका मुख्य कारण ज्वार-भाटे हैं, जो चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण बल से प्रभावित होते हैं।

पृथ्वी के दिन होंगे लंबे
इस दूरी के बढ़ने से पृथ्वी की घूमने की गति धीमी हो रही है।
भविष्य में इसका परिणाम यह होगा कि दिन और लंबे हो सकते हैं।
मापने की तकनीक
वैज्ञानिकों ने चंद्रमा की दूरी को मापने के लिए:
- अंतरिक्ष यानों द्वारा चंद्रमा पर रखे गए दर्पणों का उपयोग किया।
- लेजर तकनीक से प्रकाश को चंद्रमा तक भेजकर और उसके वापस लौटने का समय मापा।
इससे चंद्रमा की दूरी और उसमें होने वाले सूक्ष्म परिवर्तन सटीक रूप से ज्ञात हुए।
चंद्रमा का इतिहास
- चंद्रमा का निर्माण लगभग 4.5 अरब साल पहले हुआ था, जब युवा पृथ्वी पर मंगल आकार का एक प्रोटोप्लैनेट टकराया।
- प्रारंभ में चंद्रमा पृथ्वी के बहुत करीब था और आकाश में बहुत बड़ा दिखाई देता था।
- वैज्ञानिक प्रमाण बताते हैं कि लगभग 70 करोड़ साल पहले, जब डायनासोर का समय समाप्त हुआ, तब पृथ्वी का एक दिन केवल 23.5 घंटे का था।
ज्वार-भाटे का प्रभाव
भौतिकी और खगोल विज्ञानियों के अनुसार:
- चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण से महासागरों में दो ज्वारीय उभार बनते हैं।
- ये उभार चंद्रमा के साथ बिल्कुल संरेखित नहीं होते, बल्कि पृथ्वी के घूमने के कारण आगे खिंच जाते हैं।
- इस खिंचाव से चंद्रमा की गति बढ़ती है और उसकी कक्षा का आकार भी बड़ा होता जाता है।
- नतीजतन, चंद्रमा हर साल धीरे-धीरे पृथ्वी से दूर होता जा रहा है।
पृथ्वी पर असर
- चंद्रमा की कक्षा के विस्तार से पृथ्वी की घूमने की गति घटती है।
- धीरे-धीरे एक दिन में सेकेंड, मिनट और घंटे बढ़ते जाएंगे।
- हालांकि, यह प्रक्रिया बहुत धीमी है और निकट भविष्य में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा।
वैज्ञानिकों की आश्वस्ति
वैज्ञानिकों के मुताबिक:
- वर्तमान में चंद्रमा पृथ्वी से 3,84,000 किमी दूर है।
- सालाना 1.5 इंच की यह दूरी केवल 0.00000001% बदलाव है।
- इसका मतलब है कि लाखों वर्षों तक ग्रहण, ज्वार-भाटे और 24 घंटे के दिन वैसे ही बने रहेंगे।