सोनम वांगचुक पर केंद्र का बड़ा एक्शन, एनजीओ का विदेशी फंडिग वाला लाइसेंस किया रद्द, सीबीआई की टीम भी जांच में जुटी.
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने लद्दाख के जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के एनजीओ का एफसीआरए लाइसेंस रद्द कर दिया है। उनके एनजीओ पर विदेशी फंडिंग से जुड़े कानून के बार-बार उल्लंघन का आरोप है। इसके साथ ही सीबीआई की टीम भी लद्दाख में जांच में जुटी हुई है।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने यह फैसला वांगचुक के नेतृत्व में केंद्र शासित प्रदेश को राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद लिया गया है। गृह मंत्रालय ने स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) का FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया जो सोनम वांगचुक से जुड़ी है। इधर, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआी) ने वांगचुक से जुड़े संस्थानों में विदेशी अंशदान विनियमन कानून के कथित उल्लंघन की जांच शुरू कर दी है। उल्लेखनीय है कि स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख की स्थापना 1988 में सोनम वांगचुक ने की थी। यह संगठन लद्दाख में शिक्षा सुधार, पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक गतिविधियों के क्षेत्र में काम करता है। सरकार के इस कदम के बाद लद्दाख में राजनीतिक और सामाजिक हलचल तेज हो गई है।
वांगचुक के भूख हड़ताल के बाद हिंसा
वांगचुक ने लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने और राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर 10 सितंबर से भूख हड़ताल शुरू की थी। इस बीच बुधवार को क्षेत्र में हिंसा हुई। युवाओं ने भाजपा मुख्यालय और हिल काउंसिल पर हमला किया और वाहनों को आग के हवाले कर दिया। हालात काबू में लाने के लिए पुलिस और अर्धसैनिक बलों को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। झड़पों में चार प्रदर्शनकारियों की मौत हुई और 30 पुलिसकर्मी समेत 80 से अधिक लोग घायल हो गए थे। इसके बाद गृह मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा था कि सोनम वांगचुक ने अपने भड़काऊ बयानों के जरिए भीड़ को उकसाया।