सेना पर टिप्पणी मामले में राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, कहा-अगर आप सच्चे भारतीय होंगे तो ऐसी बातें नहीं कहेंगे.


नई दिल्ली। सेना पर टिप्पणी को लेकर लखनऊ की कोर्ट में राहुल गांधी के खिलाफ चल रही कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि आप विपक्ष के नेता हैं। संसद में सवाल उठाने की बजाय सोशल मीडिया पर क्यों बोला। आपको कैसे पता कि चीन ने 2000 किमी जमीन कब्ज ली है। जब सीमा पर तनाव की स्थिति हो तो कोई सच्चा भारतीय ऐसी बात नहीं कहेगा।
उल्लेखनीय है कि साल 2022 में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल ने विवादित बयान देते हुए कहा था कि चीनी सैनिकों के हाथों भारतीय सैनिक पिट रहे हैं। इसे लेकर लखनऊ की एमपी एमएलए कोर्ट में एक मानहानि केस दर्ज हुआ है। जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की बेंच मामले में सुनवाई कर रही थी। कोर्ट ने कहा कि अगर उन्हें सवाल उठाने थे तो संसद में बहस करते, सोशल मीडिया पर लिखने की क्या जरूरत थी। कोर्ट ने राहुल गांधी से कहा कि अगर उनके पास फ्रीडम ऑफ स्पीच का अधिकार है तो इसका मतलब ये नहीं कि कुछ भी कहेंगे। कोर्ट ने राहुल गांधी से यह भी पूछा कि उन्होंने जो टिप्पणी की है, क्या वो किसी विश्वसनीय जानकारी पर आधारित थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को राहत देते हुए उनके खिलाफ चल रहे ट्रायल पर फिलहाल रोक लगा दी है। कोर्ट ने नोटिस जारी कर तीन हफ्ते बाद अगली सुनवाई तय की है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी लगाई थी फटकार
यह मामला उस याचिका से जुड़ा है जिसमें राहुल गांधी ने निचली अदालत द्वारा जारी समन को चुनौती दी थी। इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समन रद्द करने से इनकार करते हुए राहुल गांधी को फटकार लगाई थी। हाईकोर्ट ने कहा था कि बोलने की आज़ादी की भी कुछ सीमाएं होती हैं और सेना का अपमान नहीं किया जा सकता। यह मुकदमा सीमा सड़क संगठन के पूर्व डायरेक्टर उदय शंकर श्रीवास्तव द्वारा दर्ज कराया गया है। याचिकाकर्ता का आरोप है कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने गलवान में भारतीय और चीनी सैनिकों की झड़प का जिक्र करते हुए कहा था कि चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों की पिटाई की थी।