भारत पर अमेरिकी टैरिफ को लेकर रूस का तीखा हमला: ‘नव-उपनिवेशवादी एजेंडा’ करार, ब्रिक्स देशों के समर्थन का ऐलान
अमेरिका द्वारा भारत पर 25% टैरिफ लगाए जाने और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ दर और बढ़ाने की धमकी के बाद रूस ने कड़ा बयान जारी किया है।
- रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जाखारोवा ने अमेरिका की इस नीति की तीखी आलोचना की और इसे नव-उपनिवेशवादी एजेंडा बताया।

अमेरिका की नीति पर रूस की प्रतिक्रिया
- जब प्रवक्ता जाखारोवा से पूछा गया कि अमेरिका ने वैश्विक दक्षिण के रूस के सहयोगी देशों पर टैरिफ बढ़ा दिए हैं, तो उन्होंने कहा दुर्भाग्य से प्रतिबंध आज की हकीकत हैं और इनका असर पूरी दुनिया पर हो रहा है।
"अमेरिका अपने घटते प्रभुत्व को स्वीकार नहीं कर पा रहा और अब बहुपक्षीय अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का उदय हो रहा है। इसके बावजूद वह राजनीति से प्रेरित होकर स्वतंत्र देशों पर आर्थिक दबाव बना रहा है।"
मुक्त व्यापार सिद्धांतों के उल्लंघन का आरोप
- मारिया जाखारोवा ने कहा कि अमेरिका वही मुक्त व्यापार सिद्धांतों का उल्लंघन कर रहा है, जिसकी कभी पश्चिमी देश वकालत करते थे।
- उन्होंने अमेरिका पर संरक्षणवाद को बढ़ावा देने और मनमाने टैरिफ व प्रतिबंध लगाने का आरोप लगाया।
लैटिन अमेरिका और ब्राजील का हवाला
- रूसी प्रवक्ता ने कहा ब्राजील जैसे देशों को अमेरिका की इस नीति का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।"
"यह दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने की कोशिश है और इसके चलते वैश्विक आर्थिक विकास, आपूर्ति श्रृंखलाओं पर भी खतरा मंडरा रहा है।"
रूस का संदेश: टैरिफ से नहीं रुकेगा इतिहास का रास्ता
- रूस ने कहा हमारा विश्वास है कि कोई भी टैरिफ युद्ध या प्रतिबंध इतिहास की स्वाभाविक दिशा को नहीं रोक सकता।"
"हम अपने सहयोगियों, समान विचारधारा वाले देशों और विशेष रूप से वैश्विक दक्षिण व ब्रिक्स का समर्थन करते हैं।"
हम बहुपक्षीय, समान अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को आकार देने में अपने सहयोगियों के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार हैं।
अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ को लेकर रूस ने खुलकर भारत का समर्थन किया है और अमेरिका की नीति को आर्थिक दबाव और राजनीतिक हस्तक्षेप का प्रयास बताया है। यह बयान वैश्विक दक्षिण और ब्रिक्स देशों के एकजुट होने की ओर इशारा करता है, जो पश्चिमी दबाव के खिलाफ स्वतंत्र वैश्विक व्यवस्था की मांग को आगे बढ़ा सकते हैं।