Published On :
21-Mar-2025
(Updated On : 21-Mar-2025 09:59 am )
भारतीय सेना के लिए एटीएजीएस की खरीद को मिली मंजूरी.
Abhilash Shukla
March 21, 2025
Updated 9:59 am ET
भारतीय सेना के लिए एटीएजीएस की खरीद को मिली मंजूरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) ने भारतीय सेना के लिए 7,000 करोड़ रुपये की लागत से उन्नत टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (एटीएजीएस) खरीदने के लिए एक बड़े सौदे को मंजूरी दे दी है। यह स्वदेशी रूप से निर्मित हॉवित्जर तोपों के निर्माण की दिशा में एक बड़ा कदम है।
एटीएजीएस: स्वदेशी सैन्य शक्ति
एटीएजीएस भारत की पहली स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित 155 मिमी आर्टिलरी गन प्रणाली है।
इसकी 52 कैलिबर की लंबी बैरल के माध्यम से 45 किमी तक हमला किया जा सकता है।
सीसीएस ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी, जो भारतीय सेना की परिचालन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि करेगा।
सौदे की प्रमुख विशेषताएं
इस सौदे के तहत 307 तोपों के साथ 327 गन-टोइंग वाहन खरीदे जाएंगे।
पश्चिमी (पाकिस्तान) और उत्तरी (चीन) सीमाओं पर इन गन सिस्टम की तैनाती से सशस्त्र बलों को रणनीतिक बढ़त मिलेगी।
यह स्वचालित तैनाती और लक्ष्य निर्धारण की सुविधा प्रदान करते हुए उच्च मारक क्षमता सुनिश्चित करता है।
‘मेक इन इंडिया’ की मजबूती
एटीएजीएस को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय निजी उद्योग भागीदारों के सहयोग से विकसित किया गया है।
इसके 65% से अधिक घटक घरेलू स्तर पर निर्मित हैं, जिनमें बैरल, थूथन ब्रेक, ब्रीच मैकेनिज्म, फायरिंग और रिकॉइल सिस्टम और गोला-बारूद हैंडलिंग मैकेनिज्म शामिल हैं।
यह निर्णय भारत की स्वदेशी रक्षा विनिर्माण क्षमता और तकनीकी प्रगति को दर्शाता है।
सेना के आधुनिकीकरण में एटीएजीएस की भूमिका
105 मिमी और 130 मिमी तोपों की जगह एटीएजीएस भारतीय सेना के तोपखाने के आधुनिकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
विदेशी घटकों पर न्यूनतम निर्भरता के साथ यह स्वदेशी प्रणाली आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को भी सशक्त करेगी।
अन्य रक्षा अधिग्रहण प्रस्ताव
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने 54,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि के आठ पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों को आवश्यकता की स्वीकृति (एओएन) प्रदान की है।
भारतीय सेना के लिए टी-90 टैंकों के वर्तमान 1000 एचपी इंजन को 1350 एचपी इंजन में अपग्रेड करने की मंजूरी दी गई है।
इससे टैंकों की युद्धक्षेत्र गतिशीलता में सुधार होगा, खासकर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में।
शक्ति-भार अनुपात में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी।
इस तरह, भारतीय सेना की आधुनिक युद्ध क्षमता को मजबूती देने और स्वदेशी रक्षा उद्योग को प्रोत्साहित करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।