Published On :
02-Apr-2025
(Updated On : 02-Apr-2025 10:04 am )
ओपनएआई ने घिबली-स्टाइल तस्वीरों पर बदली नीति, रियल वर्ल्ड इमेज का उपयोग अब संभव नहीं.
Abhilash Shukla
April 2, 2025
Updated 10:04 am ET
ओपनएआई ने घिबली-स्टाइल तस्वीरों पर बदली नीति, रियल वर्ल्ड इमेज का उपयोग अब संभव नहीं
स्टूडियो घिबली-स्टाइल की तस्वीरों की बढ़ती मांग को देखते हुए ओपनएआई ने अपनी पॉलिसी में बड़ा बदलाव किया है। अब यूजर्स रियल वर्ल्ड की तस्वीरों का उपयोग करके घिबली-स्टाइल की इमेज नहीं बना सकेंगे।
क्यों हुआ यह बदलाव?
सोशल मीडिया पर बढ़ती लोकप्रियता: हाल ही में सोशल मीडिया पर घिबली-स्टाइल की तस्वीरों की बाढ़ आ गई है, जहां यूजर्स अपनी खुद की तस्वीरों को इस स्टाइल में देखना पसंद कर रहे थे।
नई नीति का असर: ओपनएआई ने स्पष्ट किया है कि अब किसी असल व्यक्ति की तस्वीर से घिबली-स्टाइल की इमेज बनाने की अनुमति नहीं होगी।
AI का संदेश: अब जब यूजर्स ऐसा करने की कोशिश करेंगे, तो उन्हें एक संदेश दिखाई देगा, जिसमें यह बताया जाएगा कि असली इंसानों की तस्वीर से इस स्टाइल में इमेज बनाना मना है।
क्या हैं नए विकल्प?
हालांकि, घिबली-स्टाइल की तस्वीरें अभी भी बनाई जा सकती हैं, लेकिन इसके लिए अधिक रचनात्मक जानकारी देनी होगी।
यूजर्स को देना होगा डिटेल:
हेयरस्टाइल
कपड़े
पृष्ठभूमि
मूड
अन्य विशिष्ट विवरण इन जानकारियों के आधार पर AI एक अनोखी और कस्टमाइज़्ड घिबली-स्टाइल इमेज तैयार करेगा।
कॉपीराइट उल्लंघन से बचाव
ओपनएआई का यह कदम कॉपीराइट उल्लंघन से बचने के प्रयास के रूप में भी देखा जा रहा है। रियल आर्टिस्ट्स और उनके स्टाइल को प्रोटेक्ट करने के लिए यह बदलाव किया गया है।
फ्री यूजर्स के लिए देरी
ओपनएआई ने यह भी घोषणा की है कि उनकी इमेज जनरेटर सेवा की बढ़ती मांग के कारण मुफ्त यूजर्स के लिए इसे रोलआउट करने में देरी होगी।
सीईओ सैम ऑल्टमैन ने कहा कि सेवा की लोकप्रियता उम्मीद से ज्यादा बढ़ गई है, जिससे सभी यूजर्स को इसका लाभ मिलने में समय लग सकता है।
इस नीति परिवर्तन के साथ, ओपनएआई ने AI आर्टिफिशियल इमेज जनरेशन में एक नई दिशा की ओर कदम बढ़ाया है, जो रचनात्मकता को बढ़ावा देने के साथ-साथ नैतिकता और कॉपीराइट सुरक्षा को प्राथमिकता देता है।