Published On :
16-Jan-2025
(Updated On : 16-Jan-2025 10:39 am )
मार्क जुकरबर्ग की टिप्पणी पर मेटा बैकफुट पर, भारत से माफी मांगी.
Abhilash Shukla
January 16, 2025
Updated 10:39 am ET
मार्क जुकरबर्ग की टिप्पणी पर मेटा बैकफुट पर, भारत से माफी मांगी
2024 के चुनावों पर मार्क जुकरबर्ग की टिप्पणी ने मेटा को मुश्किल में डाल दिया, जिसके बाद कंपनी ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है। मेटा इंडिया के सार्वजनिक नीति निदेशक शिवनाथ ठाकुरल ने सीईओ की ओर से पोस्ट करते हुए कहा कि जुकरबर्ग का यह बयान कि "कोविड-19 के बाद 2024 में कई मौजूदा सरकारें फिर से नहीं चुनी गईं," भारत के संदर्भ में सही नहीं था। उन्होंने इसे "अनजाने में हुई गलती" बताते हुए भारतीय जनता और संसद से माफी मांगी।
यह विवाद तब गहराया जब केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जुकरबर्ग के बयान को तथ्यात्मक रूप से गलत बताते हुए पलटवार किया। उन्होंने कहा कि भारत में 64 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने 2024 के आम चुनाव में भाग लिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को लगातार तीसरी बार सत्ता सौंपी।मंत्री वैष्णव ने 80 करोड़ लोगों को मुफ्त भोजन, 2.2 अरब टीके और भारत को कोविड-19 के दौरान सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था बनाने का उल्लेख करते हुए जुकरबर्ग की टिप्पणी को खारिज किया। उन्होंने मेटा और जुकरबर्ग को तथ्यात्मक सटीकता बनाए रखने की सलाह दी।
संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष निशिकांत दुबे ने भी मेटा पर गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि कंपनी को भारतीय संसद और जनता से माफी मांगनी चाहिए। दुबे ने मेटा को समन जारी करने की बात कही, क्योंकि इस तरह की जानकारी किसी लोकतांत्रिक देश की छवि को नुकसान पहुंचा सकती है।