Published On :
14-Jan-2025
(Updated On : 14-Jan-2025 09:23 am )
साक्षरता और सरकारी योजनाओं का असर: महिला मतदाताओं की भागीदारी में ऐतिहासिक बढ़ोतरी.
Abhilash Shukla
January 14, 2025
Updated 9:23 am ET
साक्षरता और सरकारी योजनाओं का असर: महिला मतदाताओं की भागीदारी में ऐतिहासिक बढ़ोतरी
बीते वर्षों में महिला मतदाताओं की चुनावी भागीदारी में जबरदस्त उछाल देखा गया है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की एक ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि साक्षरता, सरकारी योजनाएं, और बुनियादी सुविधाओं का विस्तार इस बदलाव के मुख्य कारक रहे हैं।
साक्षरता का प्रभाव
रिपोर्ट के अनुसार, साक्षरता दर में मात्र 1% की बढ़ोतरी ने महिला मतदाताओं की भागीदारी में 25% तक का उछाल दिया है। 2024 के लोकसभा चुनाव में, 2019 की तुलना में 1.8 करोड़ अधिक महिला मतदाता होंगी, जिनमें से 45 लाख साक्षरता दर बढ़ने के कारण जुड़ी हैं।
सरकारी योजनाओं की भूमिका
सरकारी रोजगार योजनाएं जैसे प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के जरिए लगभग 36 लाख महिलाएं चुनावी प्रक्रिया में शामिल हुईं। इसके अलावा, स्वच्छता अभियान ने 21 लाख महिलाओं को प्रेरित किया। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत, जहां 74% मकानों का मालिकाना हक महिलाओं के पास है, इससे 20 लाख अतिरिक्त महिला मतदाता जोड़ी गईं।
बुनियादी सुविधाओं का योगदान
साफ पीने के पानी, बिजली, और अन्य बुनियादी सुविधाओं ने भी महिलाओं पर सकारात्मक प्रभाव डाला है, हालांकि इनसे प्रेरित महिला मतदाताओं का आंकड़ा अपेक्षाकृत कम रहा।
लोकतंत्र को मजबूती
रिपोर्ट में निष्कर्ष निकाला गया है कि शिक्षा, रोजगार, और बुनियादी सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित करके महिला सशक्तिकरण को मजबूत किया जा सकता है। इससे न केवल जीवन स्तर सुधरेगा, बल्कि महिलाओं की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भागीदारी भी बढ़ेगी, जो देश के सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा।
महिला सशक्तिकरण का नया दौर
SBI की रिपोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि महिला सशक्तिकरण और उनकी बढ़ती राजनीतिक भागीदारी भारत में लोकतंत्र को नई ऊंचाई पर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।