लद्दाख प्रशासन ने सोनम वांगचुक पर लगाए उकसावे और वित्तीय अनियमितताओं के आरोप.
लद्दाख प्रशासन ने सोनम वांगचुक पर लगाए उकसावे और वित्तीय अनियमितताओं के आरोप
लद्दाख संघ शासित क्षेत्र प्रशासन ने जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक पर भड़काऊ बयानबाजी और जनता को उकसाने का आरोप लगाया है। बयान में प्रशासन ने साफ किया कि वांगचुक के खिलाफ कोई विच हंट (चुनकर निशाना बनाना) नहीं चल रहा, बल्कि विश्वसनीय सूचनाओं और दस्तावेजों के आधार पर कानूनी एजेंसियां जांच कर रही हैं।
प्रशासन ने स्पष्ट किया कि जिस तरह देशभर में वांगचुक की गिरफ्तारी को लेकर सरकार पर सवाल उठाए जा रहे हैं, वे तथ्यात्मक रूप से सही नहीं हैं।
एचआईएएल और एसईसीएमओएल पर जांच
प्रशासन ने बताया कि हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स, लद्दाख (एचआईएएल) पर वित्तीय अनियमितताओं और विदेशी मुद्रा उल्लंघनों का मामला जांच के दायरे में है। आरोप है कि एचआईएएल बिना मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय के डिग्री जारी कर रहा था और विदेशी फंड्स का पूरा खुलासा नहीं किया गया। इसी तरह एसईसीएमओएल की एफसीआरए रद्दीकरण कई उल्लंघनों पर आधारित है, जिसके खिलाफ अपील की प्रक्रिया उपलब्ध है।
उकसावे वाले बयान
लद्दाख प्रशासन का कहना है कि 20 सितंबर 2025 को लद्दाख के नेताओं से वार्ता की तारीखें घोषित करने के बावजूद वांगचुक ने उकसावे वाले बयान दिए। उन्होंने नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश का उदाहरण देकर युवाओं को भड़काने की कोशिश की।
11 सितंबर को ‘लद्दाख एक्सप्रेस’ को दिए एक इंटरव्यू में वांगचुक ने कहा कि “युवा शांति नहीं चाहते, गांधी का रास्ता जरूरी नहीं, और अगर लोग सड़कों पर उतरे तो ‘बुरा’ हो सकता है।”
इसके अलावा, उन्होंने कोविड का हवाला देते हुए प्रदर्शनकारियों को मास्क, कैप और हुडी पहनने की सलाह दी। उनके यूट्यूब चैनल ‘अचोए निंगस्तम’ पर 8 जून 2025 को उन्होंने ‘अरब स्प्रिंग’ जैसी क्रांति लाने और आत्मदाह जैसे कदमों से उकसाने की बात कही थी।
भूख हड़ताल और विरोध
प्रशासन ने कहा कि अंशान स्थल पर जब भीड़ आक्रामक हुई, तब अन्य एबीएल नेताओं ने उसे शांत करने की कोशिश की। लेकिन वांगचुक ने भूख हड़ताल जारी रखी और लगातार वार्ता की मांग करते रहे।
पत्नी का बयान
वांगचुक की पत्नी डॉ. गीताजंलि जे एंगमो ने कहा कि उनके पति देशभक्त हैं। उन्होंने पाकिस्तान जाकर भी कभी देशविरोधी काम नहीं किया, बल्कि वहां भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की थी। उनके अनुसार वांगचुक हमेशा भारतीयों और लद्दाखियों के भले के लिए काम करते हैं।