संयुक्त राष्ट्र में भारत का सख्त संदेश: "जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग, संप्रभुता से कोई समझौता नहीं".
संयुक्त राष्ट्र में भारत का सख्त संदेश: "जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग, संप्रभुता से कोई समझौता नहीं"
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि और राजदूत पार्वथानेनी हरीश ने पाकिस्तान को दोटूक जवाब देते हुए स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और देश की संप्रभुता पर किसी भी तरह का सवाल भारत कभी स्वीकार नहीं करेगा। यह बयान उन्होंने उस समय दिया जब पाकिस्तान ने एक बार फिर कश्मीर का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाने की कोशिश की।

पाकिस्तान के दावे पर भारत की तीखी प्रतिक्रिया
राजदूत हरीश ने पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार की टिप्पणी का जवाब उसी मंच पर दिया, जहां बहुपक्षवाद और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा पर उच्च स्तरीय खुली बहस चल रही थी। उन्होंने पाकिस्तान के द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सिंधु जल संधि (IWT) का जिक्र करने और कश्मीर मुद्दे के अंतरराष्ट्रीयकरण की कोशिशों को कड़ी फटकार लगाई।भारत की संप्रभुता पर सवाल उठाना पूरी तरह अस्वीकार्य है। पाकिस्तान का आतंकवाद को समर्थन देना और वैश्विक मंचों पर दोहरा रवैया अपनाना निंदनीय है।"
आतंकवाद और हालिया घटनाएं
राजदूत हरीश ने 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का भी जिक्र किया, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद भारत ने "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत पाकिस्तान और POK में स्थित आतंकी शिविरों को निशाना बनाया।
यह ऑपरेशन सीमित, संतुलित और किसी भी प्रकार से उकसावे वाला नहीं था। भारत ने जब अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर लिया, तो पाकिस्तान के अनुरोध पर सैन्य कार्रवाई रोक दी गई।"
संयुक्त राष्ट्र के संदर्भ में भारत का रुख
राजदूत हरीश ने संयुक्त राष्ट्र की भूमिका, इतिहास और सीमाओं पर गहराई से चर्चा की। उन्होंने कहा कि आधुनिक संघर्षों की प्रकृति बदल गई है, जहां "नॉन-स्टेट एक्टर्स" को कुछ देश संरक्षण देकर अपने हितों के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी विवाद तभी शांतिपूर्वक सुलझ सकता है, जब उसमें शामिल पक्षों की सहमति और सहयोग हो।"
उन्होंने अफ्रीकी संघ की भूमिका और भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ को शामिल करने की पहल को वैश्विक बहुपक्षीय सहयोग का उदाहरण बताया।
भारत की वैश्विक भूमिका और दृष्टिकोण
राजदूत हरीश ने भारत की भूमिका को एक जिम्मेदार लोकतंत्र, स्थायी विकास समर्थक, और शांति सेना में सबसे बड़े योगदानकर्ता के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा संयुक्त राष्ट्र के लक्ष्यों के साथ समन्वय में काम करता है और आतंकवाद के खिलाफ "जीरो टॉलरेंस" की नीति को लेकर स्पष्ट है एक तरफ भारत है — लोकतांत्रिक, समावेशी और विकासशील। दूसरी ओर पाकिस्तान है — आतंकवाद का गढ़, कट्टरता में डूबा हुआ, और बार-बार IMF से ऋण मांगने वाला देश।"
भारत ने एक बार फिर दृढ़ और संतुलित स्वर में पाकिस्तान के दावों को खारिज करते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को याद दिलाया है कि कश्मीर भारत का आंतरिक और संप्रभु मामला है। भारत की यह प्रतिक्रिया न केवल वैश्विक मंच पर उसकी स्थिर और मजबूत कूटनीतिक छवि को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि भारत किसी भी आतंकी या कूटनीतिक दुस्साहस के खिलाफ चुप नहीं बैठेगा।
इस बयान ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि भारत बहुपक्षवाद, अंतरराष्ट्रीय नियमों, और शांतिपूर्ण समाधान की प्रक्रिया का सम्मान करता है, लेकिन साथ ही वह अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए हर आवश्यक कदम उठाने के लिए तैयार है।