Published On :
11-Mar-2025
(Updated On : 11-Mar-2025 11:01 am )
पीएम मोदी का भव्य स्वागत: मॉरीशस यात्रा के रणनीतिक और सांस्कृतिक आयाम.
Abhilash Shukla
March 11, 2025
Updated 11:01 am ET
पीएम मोदी का भव्य स्वागत: मॉरीशस यात्रा के रणनीतिक और सांस्कृतिक आयाम
मॉरीशस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दो दिवसीय राजकीय यात्रा के दौरान भव्य और गर्मजोशी से स्वागत किया गया। पोर्ट लुईस हवाई अड्डे पर मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम ने गले लगाकर उनका अभिनंदन किया और माला पहनाई। इस स्वागत समारोह में उप प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, नेशनल असेंबली के स्पीकर, विपक्ष के नेता, विदेश मंत्री, कैबिनेट सचिव, ग्रैंड पोर्ट डिस्ट्रिक्ट काउंसिल के अध्यक्ष समेत 200 गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। पीएम मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर भी प्रदान किया गया।
राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी अपनी इस यात्रा के दौरान मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। इसके साथ ही, वह राष्ट्रपति धरम गोखूल और प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम से मुलाकात करेंगे। इस यात्रा के दौरान दोनों देश व्यापार, दक्षता विकास और सीमा पार वित्तीय अपराधों से निपटने को लेकर कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे।
पीएम मोदी ने मॉरीशस पहुंचने के बाद ट्वीट किया: "मॉरीशस पहुंचकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं। प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम का गर्मजोशी से स्वागत करने के लिए आभार। यह यात्रा हमारे ऐतिहासिक संबंधों को और मजबूत करने और सहयोग के नए रास्ते तलाशने का शानदार अवसर है।"
भारत-मॉरीशस संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की प्रतिबद्धता
प्रधानमंत्री मोदी ने मॉरीशस रवाना होने से पहले कहा था कि उनकी यात्रा दोनों देशों के संबंधों में एक नया और उज्ज्वल अध्याय जोड़ेगी। उन्होंने कहा: "हम अपने 'सागर विजन' (Security and Growth for All in the Region) के तहत हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा और विकास को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मॉरीशस हमारे लिए न केवल एक करीबी समुद्री पड़ोसी है, बल्कि एक प्रमुख साझेदार और अफ्रीका का प्रवेश द्वार भी है।"
समुद्री सुरक्षा और व्यापार में सहयोग
भारत और मॉरीशस के बीच समुद्री सुरक्षा, व्यापार, क्षमता निर्माण और लोगों के बीच मजबूत संबंधों को लेकर घनिष्ठ सहयोग है। भारत मॉरीशस का प्रमुख व्यापारिक भागीदार है और 2023-24 में सिंगापुर के बाद भारत में सबसे अधिक विदेशी निवेश मॉरीशस से आया है।
दोनों देशों ने फरवरी 2021 में एक व्यापक आर्थिक सहयोग और साझेदारी समझौते (CECPA) पर हस्ताक्षर किए थे, जो भारत और किसी अफ्रीकी देश के बीच पहला व्यापारिक समझौता था। यह समझौता 15 वर्षों की वार्ता के बाद संपन्न हुआ और भारत-मॉरीशस व्यापार संबंधों को और अधिक गहराई प्रदान करता है।
27 साल पहले की यादें: पीएम मोदी की पहली मॉरीशस यात्रा
पीएम मोदी ने अपनी 27 साल पहले की मॉरीशस यात्रा को याद करते हुए सोशल मीडिया पर कुछ पुरानी तस्वीरें साझा कीं। 1998 में, जब वे भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव थे, तब वे अंतरराष्ट्रीय रामायण सम्मेलन में भाग लेने के लिए मॉरीशस गए थे। उन्होंने वहां भगवान श्रीराम के सार्वभौमिक मूल्यों और रामायण के माध्यम से भारत-मॉरीशस के सांस्कृतिक संबंधों पर चर्चा की थी।
भारतीय समुदाय से मिलेंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी अपनी इस यात्रा के दौरान भारतीय समुदाय के सदस्यों से भी मिलेंगे। साथ ही, वह सिविल सेवा कॉलेज और क्षेत्रीय स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन करेंगे, जिनका निर्माण भारत की अनुदान सहायता से हुआ है।
भारत-मॉरीशस: ऐतिहासिक और सांस्कृतिक साझेदारी का प्रतीक
पीएम मोदी ने कहा कि मॉरीशस और भारत के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंध बेहद मजबूत हैं। उन्होंने कहा, "भारत और मॉरीशस का संबंध सिर्फ राजनयिक नहीं, बल्कि दिल से दिल का रिश्ता है। एक सदी से भी पहले हमारे पूर्वज यहां आए थे और अपनी संस्कृति, भाषा और परंपराओं को संजोकर रखा।"
पीएम मोदी की यह यात्रा भारत और मॉरीशस के रणनीतिक और व्यापारिक सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।