Published On :
08-Jan-2025
(Updated On : 08-Jan-2025 10:55 am )
भारत में इलेक्ट्रिक वाहन क्रांति: बड़े पैमाने पर बदलाव.
Abhilash Shukla
January 8, 2025
Updated 10:55 am ET
भारत में इलेक्ट्रिक वाहन क्रांति: बड़े पैमाने पर बदलाव
भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बदलाव हो रहा है। सरकार और उद्योग के संयुक्त प्रयासों से यह क्षेत्र तेजी से आगे बढ़ रहा है। FAME-II योजना और अन्य नीतिगत पहलों के जरिए देश में ग्रीन मोबिलिटी को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
प्रमुख सरकारी पहल:
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार: सरकार ने FAME-II योजना के तहत पूरे भारत में 10,763 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की योजना बनाई है। यह नेटवर्क उपभोक्ताओं की "रेंज चिंता" को दूर करेगा और इलेक्ट्रिक वाहनों को व्यापक रूप से अपनाने का मार्ग प्रशस्त करेगा।
उद्योग के साथ संवाद: वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में हाल ही में एक बैठक हुई, जिसमें टाटा, टीवीएस, और मर्सिडीज-बेंज इंडिया जैसी कंपनियों ने बैटरी चार्जिंग और स्वैपिंग के लिए बुनियादी ढांचे की जरूरतों पर चर्चा की।
ईवी नीति और प्रोत्साहन: सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन नीति के तहत 500 मिलियन डॉलर से अधिक निवेश करने वाली कंपनियों को प्रोत्साहन प्रदान किया। इसका उद्देश्य भारत को वैश्विक इलेक्ट्रिक वाहन हब बनाना है।
आर्थिक और पर्यावरणीय लाभ:
भारत के ईवी बाजार की वार्षिक बिक्री 2030 तक 10 मिलियन यूनिट तक पहुंचने की उम्मीद है।
2022-23 के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, इस क्षेत्र में 50 मिलियन प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार अवसर पैदा हो सकते हैं।
ग्रीन मोबिलिटी अपनाने से दीर्घकालिक पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित होगी।
प्रमुख खिलाड़ी और बाजार का विकास:
टाटा मोटर्स:नेक्सन ईवी, टियागो ईवी, पंच ईवी, और टिगोर ईवी जैसे मॉडलों के साथ भारतीय यात्री ईवी बाजार में अग्रणी भूमिका निभा रही है।
जेएसडब्ल्यू और एमजी मोटर इंडिया: अपने उत्पादों, विंडसर ईवी और कॉमेट ईवी, के माध्यम से बिक्री में बढ़ोतरी देख रही हैं।
अंतरराष्ट्रीय कंपनियां: टेस्ला, मर्सिडीज-बेंज, बीएमडब्ल्यू, और ऑडी जैसी कंपनियां भारतीय बाजार में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की योजना बना रही हैं।
महत्वाकांक्षी लक्ष्य:
सरकार की पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत 14,028 ई-बसों, 2 लाख ई-तिपहिया, और 25 लाख ई-दोपहिया वाहनों को पेश करने का लक्ष्य है।
ई-ट्रक और ई-एम्बुलेंस जैसे वाहनों को भी इस योजना में शामिल किया गया है।
चुनौतियां और भविष्य:
हालांकि, ईवी क्षेत्र में वृद्धि के लिए चार्जिंग बुनियादी ढांचे को मजबूत करना, बैटरी स्वैपिंग के लिए मानकों का निर्धारण, और नीति निर्माताओं व डेवलपर्स के बीच तालमेल आवश्यक है।