संसद में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस पर लगाए आरोप, कहा-वंदे मातरम के साथ इतिहास का एक बड़ा छल हुआ.
नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र में सोमवार को लोकसभा में वंदे मातरम पर चर्चा की गई। सदन में चर्चा के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। राजनाथ सिंह ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि वंदे मातरम के साथ इतिहास का एक बड़ा छल हुआ। इस अन्याय के बावजूद वंदे मातरम का महत्व कभी कम नहीं हो पाया।
वंदे मातरम पर चर्चा के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज जब हम वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं, तो पीएम मोदी ने इसके बारे में बात की है और इस चर्चा की एक खूबसूरत शुरुआत की है। वंदे मातरम भारत के वर्तमान, अतीत और भविष्य का हिस्सा है। इसने हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को ब्रिटिश शासकों के खिलाफ खड़े होने और लड़ने की ताकत दी। यह एक ऐसा गीत है जिसने हमारे देश को जगाया और प्रेरणा का स्रोत बना। यह गीत ब्रिटिश संसद तक भी पहुंचा।
वंदे मातरम को हाशिये पर डाल दिया
राजनाथ सिंह ने कहा वंदे मातरम के साथ जो न्याय होना चाहिए था, वह नहीं हुआ। जन-गण-मण राष्ट्रीय भावना में बसी, लेकिन वंदे मातरम को दबाया गया। वंदे मातरम के साथ हुए अन्याय के बारे में हर किसी को जानना चाहिए। वंदे मातरम के साथ इतिहास का एक बड़ा छल हुआ। इस अन्याय के बावजूद वंदे मातरम का महत्व कभी कम नहीं हो पाया। वंदे मातरम स्वंय में पूर्ण है, लेकिन इसे अपूर्ण बनाने की कोशिश की गई। वंदे मातरम को उसकी पुरानी शान वापस दिलाना समय की मांग है। आजादी के बाद वंदे मातरम को हाशिये पर डाल दिया गया।
एक किताब के हवाले से नेहरू का किया जिक्र
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने भाषण के दौरान पंडित नेहरू से जुड़ी एक घटना का जिक्र किया। उन्होंने एक किताब के हवाले से इतिहास की घटना का जिक्र करते हुए कहा, पंडित नेहरू की मौजूदगी में विदेश मंत्रालय की उच्चस्तरीय बैठक में उनसे पूछा गया कि अगर कल को कम्युनिस्ट केंद्र की सत्ता में आ जाएं तो सरकारी तंत्र का क्या होगा? नेहरू जी ने झुंझलाकर जवाब दिया। कम्युनिस्ट-कम्युनिस्ट भारत के लिए खतरा कम्युनिज्म नहीं है। खतरा हिंदू दक्षिणपंथी कम्युनलिज्म है। राजनाथ सिंह ने दावा किया कि अगर किसी को प्रमाण चाहिए तो वे इस किताब का ब्योरा और प्रमाण देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, दुर्भाग्य से नेहरू जी ये देखने के लिए जीवित नहीं रहे कि उसी दक्षिणपंथी लोगों ने संविधान के अनुरूप काम किया।
नेहरू और कांग्रेस पर तुष्टीकरण के आरोप लगाए
राजनाथ सिंह ने कहा कि कम्युनिस्ट विचारधारा से जन्मे वामपंथी चरमपंथ के कारण न जाने कितनी पीढ़ियां बर्बाद हो गईं। देश के कई हिस्से विकास में पीछे रह गए। पहले की सरकारें नक्सलवाद या वामपंथी उग्रवाद की इस समस्या का समाधान नहीं ढूंढ सकीं। पीएम मोदी ने इसका समाधान खोजा और आज उनके नेतृत्व में वामपंथी चरमपंथ अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है।