साइबर अपराध: बेरोजगार युवाओं, गृहणियों और छात्रों को निशाना बना रहे 'पिग बुचरिंग स्कैम'
केंद्रीय गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, पिग बुचरिंग स्कैम नामक एक नई साइबर धोखाधड़ी ने बेरोजगार युवाओं, गृहणियों और छात्रों को अपने निशाने पर ले लिया है। यह घोटाला तेजी से फैल रहा है, जिसमें पीड़ितों से निवेश के बहाने बड़ी रकम ठगी जा रही है।

क्या है पिग बुचरिंग स्कैम?
- इस घोटाले में साइबर अपराधी पीड़ितों को एक आकर्षक निवेश योजना का लालच देते हैं।
- अपराधी शुरुआत में छोटे लाभ का झांसा देकर भरोसा जीतते हैं।
- इसके बाद पीड़ित को बार-बार निवेश के लिए प्रेरित किया जाता है।
- जब बड़ी रकम जमा हो जाती है, तो अपराधी अचानक गायब हो जाते हैं।

निशाने पर कौन?
- बेरोजगार युवा: नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं को फर्जी निवेश योजनाओं के जरिए फंसाया जा रहा है।
- गृहणियां: घर बैठे पैसे कमाने की इच्छा रखने वाली महिलाओं को इस स्कैम का शिकार बनाया जा रहा है।
- छात्र: पढ़ाई के दौरान अतिरिक्त आय अर्जित करने की चाहत रखने वाले छात्रों को ठगा जा रहा है।
- जरूरतमंद लोग: आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को त्वरित और बड़ा मुनाफा कमाने का लालच दिया जा रहा है।
गूगल सेवाओं का दुरुपयोग
रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि इस घोटाले को अंजाम देने के लिए अपराधी गूगल सेवाओं का उपयोग कर रहे हैं, जैसे:
- नकली वेबसाइट्स बनाना।
- ईमेल और मैसेजिंग के माध्यम से निवेश योजनाएं भेजना।
- फर्जी ऐप्स और प्लेटफॉर्म्स का प्रचार करना।
सरकार की चेतावनी और अपील
गृह मंत्रालय ने लोगों को इन घोटालों के प्रति सतर्क रहने की अपील की है:
- आकर्षक निवेश योजनाओं के प्रति सतर्क रहें।
- अज्ञात स्रोतों से आने वाले ईमेल या संदेशों पर भरोसा न करें।
- किसी भी फर्जी ऐप को डाउनलोड करने से पहले उसकी सत्यता की जांच करें।
- यदि किसी संदिग्ध गतिविधि का सामना करें, तो तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन या संबंधित अधिकारियों को सूचित करें।
नुकसान की गंभीरता
सरकार ने बताया कि रोजाना बड़ी संख्या में लोग इस स्कैम का शिकार हो रहे हैं और लाखों रुपये गंवा रहे हैं।