Published On :
08-Feb-2025
(Updated On : 08-Feb-2025 10:51 am )
चीनी AI चैटबॉट 'डीपसीक' पर प्रतिबंध से तिलमिलाया चीन, कहा- यह राजनीति से प्रेरित फैसला.
Abhilash Shukla
February 8, 2025
Updated 10:51 am ET
चीनी AI चैटबॉट 'डीपसीक' पर प्रतिबंध से तिलमिलाया चीन, कहा- यह राजनीति से प्रेरित फैसला
भारत, अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया और अन्य देशों द्वारा चीन के AI चैटबॉट 'डीपसीक' पर लगाए गए प्रतिबंध को लेकर चीन ने कड़ा विरोध जताया है।
चीन का रुख और विरोध
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने मीडिया से बातचीत में कहा:
डेटा लीक के आधार पर प्रतिबंध लगाना पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है।
चीन ने कभी किसी कंपनी को गैरकानूनी रूप से डेटा इकट्ठा करने के लिए नहीं कहा है और न ही ऐसा करेगा।
चीनी सरकार अपने देश की कंपनियों के अधिकारों की रक्षा करेगी।
राष्ट्रीय सुरक्षा कानून पर सवाल
हालांकि, 2017 में लागू किए गए चीन के राष्ट्रीय खुफिया कानून के तहत, चीनी सरकार को निजी कंपनियों से डेटा मांगने का कानूनी अधिकार है। इसी आशंका के चलते कई देशों ने डीपसीक को प्रतिबंधित किया है।
किन देशों ने लगाया प्रतिबंध?
भारत: वित्त मंत्रालय ने सरकारी अधिकारियों को डीपसीक और चैटजीपीटी जैसे AI टूल्स के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया।
अमेरिका: डेटा सुरक्षा को खतरे में डालने के कारण डीपसीक के उपयोग पर सख्त रुख अपनाया।
जापान, दक्षिण कोरिया, इटली और ऑस्ट्रेलिया ने भी डेटा चोरी की आशंका को देखते हुए इस चैटबॉट को बैन कर दिया।
क्या है विवाद?
डीपसीक पर आरोप है कि यह यूजर्स की संवेदनशील जानकारी चोरी कर चीनी सरकार को भेज सकता है।
कई विशेषज्ञों का कहना है कि चीनी कंपनियां अपनी सरकार के साथ खुफिया जानकारी साझा करने के लिए बाध्य होती हैं।
भारत का AI सुरक्षा को लेकर सख्त कदम
भारत सरकार पहले ही डेटा सुरक्षा और साइबर सुरक्षा को लेकर सख्त नियम लागू कर रही है।
सरकारी कार्यालयों में विदेशी AI टूल्स के उपयोग को सीमित किया जा रहा है।
AI और साइबर सुरक्षा से जुड़े नए कानूनों पर भी काम चल रहा है।
क्या होगा आगे?
चीन के विरोध के बावजूद, भारत और अन्य देशों की सरकारें अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता दे रही हैं। यह मामला आगे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कूटनीतिक बहस का विषय बन सकता है।