राष्ट्रपति भवन में भारत-फिजी संबंधों पर हुई महत्वपूर्ण बैठक
फिजी गणराज्य के प्रधानमंत्री सिटिवेनी लिगामामादा राबुका ने सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, राष्ट्रपति मुर्मू ने प्रधानमंत्री राबुका और उनके प्रतिनिधिमंडल का गर्मजोशी से स्वागत किया।

राष्ट्रपति मुर्मू ने फिजी यात्रा को किया याद
- राष्ट्रपति मुर्मू ने अगस्त 2024 की अपनी फिजी यात्रा का उल्लेख किया।
- उन्होंने कहा कि वहां उन्हें आदिवासी समुदाय द्वारा पारंपरिक स्वागत मिला और भारतीय मूल के लोगों से मिलने का अवसर भी प्राप्त हुआ।
- राष्ट्रपति ने कहा कि फिजी में भारतीय समुदाय दोनों देशों के रिश्तों को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभा रहा है।
डिजिटल सहयोग पर जोर
- राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भारत यूपीआई सिस्टम, जनधन और आधार जैसी डिजिटल पहलों का अनुभव फिजी के साथ साझा करने के लिए तैयार है।
- उन्होंने बताया कि भारत में डिजिटल क्रांति ने वित्तीय समावेशन में बड़ा बदलाव लाया है।
- उन्होंने खुशी जताई कि फिजी सरकार भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने को प्राथमिकता दे रही है।
सहयोग और क्षमता निर्माण
- राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि क्षमता निर्माण हमेशा से भारत-फिजी संबंधों का एक महत्वपूर्ण स्तंभ रहा है।
- इसमें भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (ITEC) कार्यक्रम के तहत भारतीय संस्थानों में फिजी अधिकारियों का प्रशिक्षण भी शामिल है।
- राष्ट्रपति ने दोहराया कि भारत प्रशांत द्वीपीय देशों (PIC) के साथ संबंधों और विकास साझेदारी को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है, और फिजी इसमें एक विशेष साझेदार है।
सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध
- राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भारत और फिजी के बीच लंबे समय से गहरे सांस्कृतिक व जन-सामान्य संबंध रहे हैं।
- उन्होंने गिरमिटिया समुदाय के योगदान को सराहा, जिनकी मेहनत और संस्कृति ने फिजी को बहुसांस्कृतिक समाज बनाने में अहम भूमिका निभाई।
सामाजिक-आर्थिक विकास में भारत की भागीदारी
- राष्ट्रपति ने कहा कि भारत को फिजी के सामाजिक-आर्थिक विकास में भागीदार बनने पर गर्व है।
- भारत स्वास्थ्य, प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण और जलवायु परिवर्तन से निपटने जैसे फिजी के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में सहयोग कर रहा है।
- इसी कड़ी में दोनों देशों के बीच एक सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल स्थापित करने के लिए MoU पर हस्ताक्षर किए गए।
- राष्ट्रपति मुर्मू ने इसे स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग का नया अध्याय बताया।