ईरान-इजराइल तनाव के बीच हिजबुल्ला ने जताया तेहरान के प्रति समर्थन, अमेरिका ने दी चेतावनी.


ईरान-इजराइल तनाव के बीच हिजबुल्ला ने जताया तेहरान के प्रति समर्थन, अमेरिका ने दी चेतावनी
ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव के बीच लेबनानी शिया संगठन हिजबुल्ला ने तेहरान के साथ खड़े होने का दावा किया है। हिजबुल्ला के वरिष्ठ नेता शेख नईम कासिम ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वे इजराइल और अमेरिका के खिलाफ लड़ाई में ईरान का साथ देंगे।
"ईरान का परमाणु कार्यक्रम शांति के लिए है": नईम कासिम
नईम कासिम ने कहा कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम किसी के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह अपने नागरिकों की सेवा और क्षेत्र में वैज्ञानिक प्रगति के उद्देश्य से है। उन्होंने आरोप लगाया कि ईरान का विरोध उसके परमाणु कार्यक्रम की वजह से नहीं, बल्कि इसलिए हो रहा है क्योंकि वह ज्ञान, विश्वास और स्वतंत्रता का समर्थन करता है।
उन्होंने यह भी कहा कि ईरान पीड़ितों की मदद करता है और वैश्विक स्वतंत्रता की आवाज बनता है, और इसी कारण से उसे निशाना बनाया जा रहा है।
अमेरिका पर तीखा हमला
कासिम ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकियों की आलोचना करते हुए कहा कि अमेरिका पश्चिम एशिया को अराजकता और अस्थिरता की ओर धकेल रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका अपनी नीतियों से दुनिया को बड़े संकट की ओर ले जा रहा है, जिसका नतीजा केवल शर्म, अपमान और विफलता के रूप में सामने आएगा।
कासिम ने कहा, “ईरान को अपनी रक्षा का अधिकार है और इसी तरह क्षेत्र व विश्व के लोगों को भी ईरान के साथ खड़े होने का अधिकार है।”
अयातुल्ला खामेनेई के लिए समर्थन की अपील
हिजबुल्ला नेता ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के लिए खुले समर्थन की मांग करते हुए कहा कि दुनिया के सभी स्वतंत्र विचारधारा रखने वाले लोगों, उत्पीड़न के शिकार समुदायों, प्रतिरोध सेनानियों और विद्वानों को खामेनेई के नेतृत्व के समर्थन में अपनी आवाज बुलंद करनी चाहिए।
उन्होंने आह्वान किया कि लोग एकजुटता, साहस और समर्थन का प्रदर्शन करें, ताकि क्षेत्रीय स्वतंत्रता और आत्मनिर्णय की रक्षा हो सके।
अमेरिका की कड़ी चेतावनी
इस पूरे घटनाक्रम के बीच अमेरिका ने हिजबुल्ला को चेतावनी दी है कि वह ईरान-इजराइल संघर्ष में शामिल होने से बाज आए। अमेरिकी दूत थॉमस बैरक ने बेरूत में कहा कि हिजबुल्ला का युद्ध में शामिल होना "बहुत, बहुत बुरा फैसला" होगा।
निष्कर्ष
ईरान-इजराइल तनाव ने अब क्षेत्रीय स्तर पर एक बड़े संघर्ष का रूप ले लिया है, जिसमें हिजबुल्ला का खुला समर्थन और अमेरिका की कड़ी चेतावनी आने वाले समय में हालात को और अधिक संवेदनशील और गंभीर बना सकते हैं।