नगर निगम को लेकर मंत्री विजयवर्गीय की फितरत फिर शुरू, महापौर पुष्यमित्र भार्गव को बता दिया विधायक, जोरदार तालियां भी बजवाई .


इंदौर। कभी इंदौर के महापौर रहे मंत्री कैलाश विजयवर्गीय नगर निगम पर हमेशा अपनी भड़ास निकालते रहे हैं। चाहे डॉ.उमाशशि शर्मा महापौर रही हों या फिर कृष्णमुरारी मोघे और अब पुष्यमित्र भार्गव, अधिकांश महापौर विजयवर्गीय के निशाने पर रहे हैं। नगर निगम के तरफ पैर करके भी नहीं सोता, ठाकुर के हाथ बंधे हुए हैं, जैसे डायलॉग बोल चुके विजयवर्गीय ने अब महापौर पुष्यमित्र भार्गव पर तंज कसा है। वह भी भरी सभा में।
गुरुवार को नगर निगम द्वारा जल संरक्षण को लेकर शुरू किए गए जल गंगा संवर्धन अभियान के दूसरे संस्करण का उद्घाटन करने रवींद्र नाट्य गृह पहुंचे मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने फिर एक बार अपनी जुबान खोली है। इस कार्यक्रम में मंत्री तुलसी सिलावट, सांसद शंकर लालवानी, विधायक रमेश मेंदोला, गोलू शुक्ला, निगमायुक्त शिवम वर्मा, महापौर परिषद के सदस्य और पार्षद मौजूद थे। इन सबके सामने मंत्री विजयवर्गीय ने महापौर पर जमकर अपनी भड़ास और खटास निकाली।
मंच से बार-बार कहा विधायक
मंत्री विजयवर्गीय ने अपने भाषण में कहा कि शहर के बहुत ही लोकप्रिय विधायक, विजनरी विधायक, टेक्नोक्रेट विधायक कह सकता हूं इनको। जो भी टेक्नोलॉजी आती है पहले प्रधानमंत्री के पास आती है। इसके बाद अगर किसी के पास आती है तो महापौर जी के पास आती है। ये टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हैं। इनके पास आती है। ऐसे हमारे विधायक पुष्यमित्र भार्गव के लिए जोरदार तालियां बजा दें।
पहले भी कर चुके हैं महापौरों का अपमान
मंत्री विजयवर्गीय का यह भाषण इंदौर के राजनीतिक गलियारे में चर्चा का विषय बना हुआ है। यह सीधा-सीधा महापौर पर व्यंग्य था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तुलना करना सबसे बड़ा तंज था। विजयवर्गीय के भाषण से साफ जाहिर है कि वे अपनी भड़ास निकाल रहे थे। इससे पहले भी वे पूर्व महापौर डॉ.उमाशशि शर्मा का सार्वजनिक तौर पर अपमान कर चुके हैं। उस समय उन्होंने पत्रकारों से कहा था कि वे नगर निगम की तरफ पैर करके भी नहीं सोते। कृष्णमुरारी मोघे जब महापौर थे तो एक सार्वजनिक कार्यक्रम में विजयवर्गीय ने ठाकुर के हाथ बंधे होने की बात कही थी।
राष्ट्रीय अध्यक्ष गडकरी तक पहुंची थी शिकायत
ठाकुर के हाथ वाले बयान से कृष्णमुरारी मोघे इतने खफा हो गए थे कि उन्होंने भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी से दिल्ली में जाकर विजयवर्गीय की शिकायत की थी। तब मोघेजी के साथ सांसद सुमित्रा महाजन भी दिल्ली गई थीं। फिर भी विजयवर्गीय की फितरत जारी रही और आज भी सार्वजनिक रूप से फिर सामने आई है।
महापौर से ऊपर उठ न पाए विजयवर्गीय
विजयवर्गीय के साथ समस्या यह है कि वे खुद को महापौर से ऊपर कभी समझ नहीं पाए। मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल में बड़े-बड़े विभाग मिलने के बाद भी वे शहर अपने हाथ में लेने की कोशिश में लगे रहे। अब भला कौन महापौर अपनी कमान विजयवर्गीय के हाथ में सौंपना चाहेगा। जाहिर है इसी वजह से विजयवर्गीय की किसी महापौर से नहीं बनी।