धार इमामबाड़ा मामले में मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट से वापस ली याचिका, हाईकोर्ट से नहीं मिली थी राहत .


इंदौर। धार के चर्चित इमामबाड़ा मामले में मुस्लिम पक्ष के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई विशेष अनुमति याचिका यानी एसएलपी को शुक्रवार को वापस ले लिया। यह याचिका कमिश्नर कार्यालय के आदेश आने से पहले दाखिल की गई थी, लेकिन आदेश आने के बाद मुस्लिम संगठन के पास निचली अदालत जाने का रास्ता खुल गया। इसी वजह से मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट लगाई याचिका वापस ले ली।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को वापस ली गई मानते हुए खारिज कर दिया और अपने आदेश में कहा कि सभी तर्क पक्षकारों के लिए खुले रहेंगे। इसके तहत दोनों पक्ष अपने-अपने दावों के समर्थन में प्रासंगिक साक्ष्य निचली अदालत में पेश कर सकेंगे। इसका मतलब है कि इमामबाड़े से जुड़ा यह पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट नहीं बल्कि निचली अदालत में सुना जाएगा।
मंगलवार की रात लिया था कब्जा
धार शहर के हटवाड़ा स्थित विवादित इमामबाड़े पर पहले ताजिया कमेटी का कब्जा था। मंगलवार रात करीब 3:44 बजे प्रशासन ने भवन खाली कराया और नया लोहे का गेट लगाकर 4:34 बजे दो ताले जड़ दिए। इस दौरान कलेक्टर और एसपी मौके पर मौजूद रहे। गेट पर ‘यह संपत्ति पीडब्ल्यूडी संभाग धार की है’ का पर्चा भी चस्पा किया गया।
हाई कोर्ट से नहीं मिली थी राहत
एसडीएम कोर्ट ने 14 जुलाई को ताजिया कमेटी को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में भवन खाली करने का आदेश दिया था। कमेटी ने इसे हाई कोर्ट व राजस्व न्यायालय इंदौर में चुनौती दी, लेकिन राहत नहीं मिली। करीब एक माह चली लंबी कागजी कार्रवाई के बाद आखिरकार आदेश लागू करते हुए प्रशासन ने भवन पीडब्ल्यूडी को सौंप दिया।