भ्रष्टाचार से समझौता न करनेवाली ‘भाजपा’ के राज में क्या कर रहा है सुरेश भदौरिया, आखिर कैसे बना लिया पूरे देश में नेटवर्क?.


इंदौर। अपने साफ-सुथरे मध्यप्रदेश को पिछले कुछ समय से भ्रष्टाचार रूपी बीमारी ने जकड़ रखा है। अभी कुछ ही समय पहले आरटीओ में एक मामूली सिपाही रहे सौरभ शर्मा की चर्चा थी। जिसके खजाने से अकूत संपत्ति निकली थी। खैर, सौरभ का मामला अब ठंडा कर दिया गया है, अब एक नए केस की फाइल खुली है वह है सुरेश भदौरिया की। भदौरिया, सौरभ शर्मा से बहुत ऊंचे दर्जे का है। इसने मध्यप्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश में फर्जीवाड़े का नेटवर्क तैयार कर लिया।
सुरेश भदौरिया पर सीबीआई शिकंजा कसने की कोशिश कर रही है, लेकिन वह बच निकला है। खास बात यह कि जिस इंदौर में सीबीआई की टीम ने छापा मारा, वह उसी शहर में घूम रहा है। बताया जाता है कि वह शनिवार को एलाआईजी चौराहे स्थित एक शनि मंदिर में शनि दोष निवारण कराने भी गया था, जिसके फोटो भी सामने आए हैं।
सुरेश भदौरिया को जानने वालों का कहना है कि वर्षों पहले वह भिंड से इंदौर आया था। अमलतास होटल के अलावा उसकी दारू की थोक दुकानें भी थीं। उस समय आबकारी विभाग थोक दुकानों की अनुमति देता था। भदौरिया पीआर एक्सरसाइज में मास्टर था। लोगों से तुरंत संपर्क करना उसकी खासियत थी। उस समय इंदौर भी मिनी मुंबई बनने की कोशिश में जुटा था। भदौरिया को ऐसे आगे बढ़ने वाले लोगों की तलाश थी। ऐसे लोग मिले भी और इसका धंधा बढ़ता गया। धंधा इतना बढ़ा कि भदौरिया दो मेडिकल कॉलेजों और दो विश्वविद्यालयों का संचालक, आधा दर्जन से अधिक होटलों का समूह स्वामी, मयंक ब्लू वाटर, पेट्रोल पंप और अनगिनत व्यवसायों का मालिक बन गया।
चूंकि सुरेश भदौरिया का जन्म एक पुलिस परिवार में हुआ। इसलिए शायद व्यावहारिक शिक्षा भी ज्यादा अच्छी मिली होगी। इंदौर में पैठ जमाने के बाद मध्यप्रदेश के भ्रष्टाचारियों के साथ तालमेल कर भदौरिया सफलता का मुकाम तय करता रहा। एक फर्जी मेडिकल कॉलेज शुरू किया और उसमें इतनी सफलता मिली कि पूरे देश में मेडिकल कॉलेजों को परमिशन दिलाने का ठेका लेने लगा। सीबीआई ने इसी मामले में भदौरिया सहित 35 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। भदौरिया सहित 35 आरोपी एक रैकेट संचालित करते हैं, जो देशभर में मेडिकल कॉलेजों की मान्यता दिलाने, उन्हें रिन्यू कराने के मामले में शामिल है। इसमें स्वास्थ्य मंत्रालय के भी कुछ कर्मचारी हैं।
सवाल यह है कि लंबे समय से केंद्र व मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार से समझौता न करने की बात कहने वाली भाजपा की सरकार है। केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार में अगर ऐसा हो रहा है तो यह चिन्ता का विषय है। जनता से सीधे तौर पर जुड़े स्वास्थ्य जैसी सुविधा के साथ खिलवाड़ तो कतई बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। अगर अब भी अनदेखी कि गई तो मध्यप्रदेश का नाम भी झारखंड जैसे भ्रष्ट राज्यों शामिल हो जाएगा। तो फिर देर किस बात की। मध्यप्रदेश व देश में कौन-कौन है भदौरिया का हमसफर। पहचान कीजिए और टांग दीजिए। ऐसे भ्रष्टाचारियों के साथ थोड़ी भी अनदेखी आगे बहुत भारी पड़ेगी।
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