अब तो हद हो गई : हितेंद्र मेहता, विवेक चुघ और अजय जैन ने रजिस्ट्रार अमरेश नायडू और डिप्टी रजिस्ट्रार संजय सिंह के साथ मिलकर सरकार को लगाया 13 करोड़ का चूना.


इंदौर। भूमाफियाओं के काले कारनामों में अब तक सबसे ज्यादा नाम सहकारिता, टीएनसीपी, आईडीए, नगर निगम का ही आता था, लेकिन अब रजिस्ट्रार ऑफिस भी इसमें पूरी तरह शामिल हो गया। डीएलएफ गार्डन सिटी जमीन के मामले में तीन कॉलोनाइजरों ने रजिस्ट्रार कार्यालय के दो अधिकारियों के साथ मिलकर सरकार को 13 करोड़ रुपए का चूना लगाया है। शिकायत मिलने के बाद आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्लू) ने तीन कॉलोनाइजरों और दो अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
ईओडब्ल्यू ने बताया कि विवेक चुघ पिता मोहनलाल चुघ, हितेन्द्र मेहता, अजय कुमार जैन पिता महेन्द्र कुमार जैन ने रजिस्ट्रार कार्यालय के अधिकारियों के साथ मिलकर शासन को स्टाम्प ड्यूटी राशि 13 करोड़ 32 लाख 95 हजार रुपए का नुकसान पहुंचाया है। ईओडब्ल्यू ने मेसर्स एक्सक्लूसिव रियल्टी के विवेक चुघ पिता मोहनलाल चुघ, मेसर्स सेवनहार्ट्स बिल्डकॉन एलएलपी के हितेन्द्र मेहता, अजय कुमार जैन पिता महेन्द्र कुमार जैन, पंजीयक कार्यालय के उप पंजीयक संजय सिंह और वरिष्ठ जिला पंजीयक अमरेश नायडू को आरोपी बनाया है।
गांव की सड़क बताकर कराई रजिस्ट्री
ईओडब्ल्यू के अनुसार विवेक चुघ, हितेंद्र मेहता और अजय कुमार जैन ने संजय सिंह और अमरेश नायडू से साठगांठ कर डीएलएफ गार्डन सिटी मांगल्या सड़क की गाइड लाइन से कम दर में रजिस्ट्री कराई। बताया गया कि डीएलएफ गार्डन सिटी के स्वीकृत संशोधित नक्शे में काट-छांट कर अंश भाग ही अपलोड किया गया। डीएलएफ गार्डन सिटी का नाम हटाकर मांगलिया सड़क गांव की गाइड लाइन दर राशि 14,200/-रु. प्रति वर्ग मीटर की दर से रजिस्ट्रियां कराई गई, जबकि यहां की गाइडलाइन 50800 रुपए है।
13 करोड़ 32 लाख 95 हजार का नुकसान
ईओडब्ल्यू के अनुसार आरोपियों ने 13 करोड़ 32 लाख 95 हजार 106 रुपए की राजस्व हानि पहुंचाई गई। इसके चलते ईओडब्ल्यू ने आरोपियों पर धारा 318(4), 61(2), 338, 336(3) एवं 340 भारतीय न्याय संहिता 2023 व धारा 7 (सी), भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम 2018 का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
सारे विभाग की लुटेरे
पिछले कुछ वर्षों में इंदौर में जमीनों के कारोबार से रोडपति भी करोड़पति बन गए हैं और इसमें सारे सरकारी विभाग भी शामिल हैं। सरकार भूमाफियाओं के खिलाफ अभियान चलाती रहती है, लेकिन सरकारी विभागों के भूमाफियाओं के साथ मिले होने से इसमें सफलता नहीं मिलती। पहले तो भूमाफियाओं के साथ सहकारिता, टीएनसीपी, आईडीए, नगर निगम और पुलिस का ही नाम आता था, लेकिन अब तो रजिस्ट्रार कार्यालय भी इसमें पूरी तरह से शामिल है।
इन बड़े लोगों के नाम याद कर लीजिए-
1. विवेक चुघ पिता मोहललाल चुघ, मेसर्स एक्सक्लूसिव रियल्टी।
2. हितेन्द्र मेहता, मेसर्स सेवनहार्ट्स बिल्डकॉन एलएलपी।
3. अजय कुमार जैन पिता महेन्द्र कुमार जैन।
4. संजय सिंह, उप पंजीयक, पंजीयक कार्यालय इंदौर।
5. अमरेश नायडू, वरिष्ठ जिला पंजीयक, पंजीयक कार्यालय इंदौर।