देवी अहिल्या संस्था के पूरे संचालक मंडल को सहकारिता का नोटिस, बार-बार मांगने के बाद भी अयोध्यापुरी और महालक्ष्मी नगर की नहीं दे रहे वरीयता सूची.


इंदौर। सहकारिता विभाग ने अयोध्यापुरी और महालक्ष्मी नगर में गड़बड़ियों को लेकर देवी अहिल्या गृह निर्माण संस्था के पूरे संचालक मंडल को नोटिस जारी किया है। नोटिस में कहा गया है कि नियमों की अवहेलना के मामले में क्यों न सभी को संचालक मंडल से हटा दिया जाए। विभाग ने 15 दिन में जवाब मांगा है। दरअसल सहकारिता विभाग द्वारा बार-बार मांगने के बाद भी अयोध्यापुरी और महालक्ष्मी नगर की वरीयता सूची संस्था द्वारा नहीं दी जा रही है। इसके बावजूद संस्था अध्यक्ष अपनी पसंद के सदस्यों की रजिस्ट्री के लिए विभाग पर दबाव बना रहे हैं।
यह नोटिस उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं एमएल गजभिये ने 11 जून 2025 को जारी किया है। नोटिस में स्पष्ट कहा गया है कि संस्था के सदस्यों ने अधिनियम, नियम, संस्था की उपविधि, आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं के आदेशों का पालन नहीं किया है। हाईकोर्ट के आदेश पर कलेक्टर ने अयोध्यापुरी और महालक्ष्मी नगर के सदस्यों की पात्रता की जांच के लिए दल का गठन किया था। इसकी कार्रवाई की जानकारी भेजने के बाद भी संस्था लगातार इसकी अनदेखी कर रही है। जांच कमेटी द्वारा तैयार पात्रता सूची भी संस्था को भेजी गई थी, लेकिन संस्था ने इसे नजरअंदाज कर दिया।
मनमानी रजिस्ट्री कराने की कोशिश में अध्यक्ष
सहकारिता विभाग के नोटिस में कहा गया है कि जांच दल का प्रतिवेदन संस्था को भेजा गया, लेकिन संस्था ने इस पर ध्यान नहीं दिया। अयोध्यापुरी का प्रतिवेदन संस्था को 29 अगस्त 2024 को भेजा जा चुका है। इसके साथ ही श्रीमहालक्ष्मीनगर का प्रतिवेदन 25 फरवरी 2025 को भेजा गया था, जिसमें जांच दल द्वारा अनेक रसीद धारी सदस्यों को पात्र दर्शाया गया है। इन सदस्यों की पात्रता सूची संस्था की वेबसाइट पर अपलोड कर सहकारिता विभाग में देना थी, लेकिन संस्था ने ऐसा नहीं किया। सदस्यों की प्राथमिकता सूची तैयार नहीं कर अध्यक्ष मनमाने तरीके से सीधे प्लॉटों के पंजीयन हेतु लगातार सहकारिता विभाग को पत्र लिख रहे हैं।
आईडीए में जमा करा दी दूसरी संस्था की राशि
सहकारिता विभाग के इस नोटिस में योजना क्रमांक 171 का भी जिक्र किया गया है, जिसमें देवी अहिल्या संस्था ने रजत गृह निर्माण तथा डायमंड इन्फ्रा का पैसा गलत तरीके से आईडीए में जमा करा दिया था। नोटिस में कहा गया है कि जांच दल द्वारा प्रतिवेदन में लिखा है कि देवी अहिल्या श्रमिक कामगार सहकारी संस्था के अध्यक्ष विमल अजमेरा, संस्था उपाध्यक्ष मनोज काला ने रजत गृह एवं डायमण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर का 664561.00 रुपए का भुगतान संस्था के बैंक ऑफ महाराष्ट्र के अकाउंट से कर दिया था। इस तरह से संस्था को आर्थिक क्षति पहुंचाई गई है। संस्था अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष पर म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 58-बी के अंतर्गत प्रकरण न्यायालय उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं जिला इंदौर में विचाराधीन है।
रक्षक ही बन गए भक्षक
सहकारी संस्था का काम था सदस्यों की रक्षा करना। सदस्यों के नाम पर ही सरकार की तरफ से गृह निर्माण संस्थाओं को कई तरह की छूट मिलती है। देवी अहिल्या संस्था के वर्तमान कर्ताधर्ताओं ने सदस्यों के हितों पर कोई ध्यान नहीं दिया। सूत्र बताते हैं कि मूल सदस्यों को छोड़कर दूसरे लोगों से पैसे लेकर उन्हें सदस्य बना दिया गया है। इतना ही दोनों ही कॉलोनियों में संस्था के वर्तमान पदाधिकारियों की सहमति से कई मकान भी बन गए हैं। यही वजह है कि सारे विभागों और नियमों की अवहेलना कर संस्था अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारी जांच दल द्वारा दी गई वरीयता सूची की बजाए अपने बनाए सदस्यों की रजिस्ट्री कराने में जुट गए हैं।
इन्हें भेजा गया है नोटिस-
1. विमल कुमार पिता प्रेमचंद अजमेरा, अध्यक्ष निवासी-बी-87 एम.आय.जी. इंदौर
2. पंकज पिता रामचंद जायसवाल, उपाध्यक्ष निवासी-9/3-बी मनोरमागंज, इंदौर
3. मनोज पिता विमलचंद काला, उपाध्यक्ष निवासी-270 एम.जी. रोड इंदौर
4. सुशील कुमार पिता गोवर्धनदास जौहरी, संचालक सदस्य निवासी-49 पदमावती कॉलोनी इंदौर
5.अरुण पिता रविन्द्र कुमार सक्सेना, संचालक सदस्य निवासी-186 श्रीनगर एक्सटेंशन इंदौर
6.श्याम पिता रामकिशन सोनी, संचालक सदस्य निवासी-83, बडा सराफा मिलन्न ज्वेलर्स इंदौर
7. धरणीधर पिता गोपीकृष्ण मिश्रा, संचालक सदस्य, निवासी-49-50, मेहतानी मार्केट एम.टी.एच. कम्पाउन्ड इंदौर
8.रविन्द्र कुमार पिता ओमप्रकाश मिश्रा, संचालक सदस्य निवासी-174, जेलरोड इंदौर
9. अमृता पति डा.जे.एल. खत्री, संचालक सदस्य निवासी- 22, सांघी कॉलोनी, नर्सरी सिका स्कूल के सामने इंदौर
10. सोना पति राजेश कस्तूरी, संचालक सदस्य निवासी-37, उत्कर्ष विहार इंदौर
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