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जंगपुरा विध्वंस पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने जताई चिंता, दिल्ली सरकार से तत्काल राहत की मांग

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जंगपुरा विध्वंस पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने जताई चिंता, दिल्ली सरकार से तत्काल राहत की मांग

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पत्र लिखकर 1 जून 2025 को दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के जंगपुरा स्थित मद्रासी कैंप के ध्वस्तीकरण के बाद उत्पन्न हुए मानवीय संकट को लेकर गहरी चिंता जताई है। इस कार्रवाई के चलते 370 तमिल मूल के परिवार बेघर हो गए हैं, जो दशकों से इस इलाके में रह रहे थे।

देश और मानवता की दुश्मन....', तमिलनाडु CM स्टालिन ने साधा बीजेपी पर निशाना  - Tamil Nadu CM Stalin targets BJP Enemy of country and humanity ntc -  AajTak

स्टालिन ने दिल्ली सरकार से इन प्रभावित परिवारों के लिए तत्काल राहत और पुनर्वास की व्यवस्था करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि ये परिवार न केवल दिल्ली के सामाजिक ताने-बाने का हिस्सा हैं, बल्कि राजधानी की अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण योगदान दे चुके हैं।

हाईकोर्ट के निर्देशों का हवाला

स्टालिन ने अपने पत्र में कहा 1 जून को जंगपुरा में मद्रासी कैंप के ध्वस्तीकरण से 370 तमिल मूल के परिवार बेघर हो गए। माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार, एक संयुक्त सर्वेक्षण में 189 परिवारों को ईडब्ल्यूएस फ्लैट के लिए पात्र पाया गया है।”

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने संबंधित सरकारी एजेंसियों — डीडीए और डीयूएसआईबी — को निर्देश दिया है कि वे नरेला के जी-7 और जी-8 पॉकेट्स में वैकल्पिक रूप से पुनर्वासित परिवारों को सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराएं, जैसे:

  • पानी और बिजली की सुविधा
     
  • आंतरिक सड़कें और जल निकासी व्यवस्था
     
  • सफाई और स्ट्रीट लाइटिंग
     
  • आसपास के सरकारी और एमसीडी स्कूलों में बच्चों को प्रवेश
     
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
     
  • उचित मूल्य की दुकानें
     
  • डीटीसी व मेट्रो लिंक जैसी परिवहन सुविधाएं
     

पुनर्वास में गंभीर खामियां

स्टालिन ने चिंता व्यक्त की :

  • 189 पात्र परिवारों को जिन फ्लैटों में स्थानांतरित किया गया है, वे जरूरी सुविधाओं की कमी के कारण रहने योग्य नहीं हैं।
     
  • 181 अपात्र परिवारों को कोई वैकल्पिक आवास नहीं दिया गया, जिससे वे बेघर हो गए हैं।
     

विध्वंस की पृष्ठभूमि

1 जून को बारापुला नाले के किनारे अतिक्रमण हटाने के लिए अदालत के निर्देश पर कार्रवाई की गई थी। अधिकारियों के अनुसार यह अभियान बरसात के मौसम में नाले में जल प्रवाह बाधित होने और बाढ़ की समस्या से निपटने के लिए जरूरी था।

ध्वस्त किए गए 370 ढांचों में से:

  • 189 परिवारों को पुनर्वास योग्य पाया गया और उन्हें नरेला में फ्लैट आवंटित किए गए।
     
  • जबकि 181 परिवारों को अपात्र मानते हुए कोई पुनर्वास नहीं दिया गया।
     

निष्कर्ष

मुख्यमंत्री स्टालिन ने दिल्ली सरकार से मानवता के आधार पर शीघ्र कार्रवाई करने, अधूरी सुविधाएं जल्द पूरी करने और बेघर परिवारों को तत्काल राहत देने की अपील की है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे संवेदनशील मामलों में प्रशासनिक संवेदनशीलता और मानवीय दृष्टिकोण अपनाना बेहद आवश्यक है।

 

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Editor

Abhilash Shukla

A Electronic and print media veteran having more than two decades of experience in working for various media houses and ensuring that the quality of the news items are maintained.

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