बार-बार बदनाम एमपीसीए पर बीसीसीआई और आईसीसी की मेहरबानी, क्या अध्यक्ष अभिलाष खांडेकर की इस बार रुकेगी मनमानी?.


इंदौर। पिछले कई मैचों से बदनामी का दाग झेल रहे मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (एमपीसीए) पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को तरस आ ही गया। इसीलिए 24 सितंबर 2023 के बाद 18 जनवरी 2026 को बीसीसीआई ने इंदौर को एक वन डे मैच दे दिया है, जो भारत और न्यूजीलैंड के बीच होगा। बीसीसीआई के बाद अब इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने भी एमपीसीए पर मेहरबानी दिखा दी है। विमेंस वनडे वर्ल्ड कप 2025 के शेड्यूल के अनुसार इंदौर के होलकर स्टेडियम में 5 मैच खेले जाएंगे। इस बार बड़ा सवाल यह है कि क्या एमपीसीए अपने रवैये में सुधार लाएगा? क्या एमपीसीए के अध्यक्ष अभिलाष खांडेकर की मनमानी रुकेगी?
उल्लेखनीय है कि विवादित पिच, टिकटों की कालाबाजारी जैसे आरोपों के बाद इंदौर में मैचों का सिलसिला बंद हो गया था। टी-20 वर्ल्ड कप के साथ ही आईपीएल के दो सीजन भी इंदौर में नहीं हुए थे। अब जबकि पांच टी-20 मैच की सीरीज खेलने न्यूजीलैंड की टीम भारत आ रही है, इनमें से एक मैच इदौर के होलकर स्टेडियम में होना तय हुआ है। इससे पहले होलकर स्टेडियम में वनडे मैच 24 सितंबर 2023 में भारत और आस्ट्रेलिया के बीच हुआ था। आईपीएल के 9 मैच भी यहां हो चुके हैं, लेकिन इसके बाद कई तरह के विवादों के कारण बीसीसीआई का इंदौर से मोह भंग हो गया था। होलकर स्टेडियम का भी वही हाल हुआ, जो पहले नेहरू स्टेडियम का हुआ था। 31 मार्च 2001 से पहले नेहरू स्टेडियम में अंतर्राष्ट्रीय मैच होते थे।
रेफरी ब्राड ने पिच को बताया था खराब
उल्लेखनीय है कि इंदौर के होलकर स्टेडियम का पिच भी विवादों में रहा है। बार्डर गावस्कर ट्राफी में इंदौर और आस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के बीच टेस्ट हुआ, जो तीन दिन में ही यह खत्म हो गया। इस दौरान मैच रेफरी क्रिस ब्राड ने मैच जल्दी खत्म होने कारण पिच का बहुत सूखा होने बताया। रेफरी ने कहा था कि मैच शुरू होने के साथ ही पिच पर गेंद का असामान्य रूप से उछाल हो रहा था। क्रिस ब्राड ने इसमें होलकर स्टेडियम की पिच को 3 निगेटिव अंक दिए थे।
टिकटों की कालाबाजारी के आरोप
एमपीसीए पर टिकटों की कालाबाजारी के आरोप भी लगते रहे हैं। 2022 में भारत और दक्षिण अफ्रीका के मैच में भी एमपीसीए पर यह आरोप लगे थे। उसम समय इंदौर में दस हजार से भी कम टिकट बिके थे, जबकि स्टेडियम की क्षमता 30 हजार दर्शकों की है। एमपीसीए के पदाधिकारी यह भी बताने को तैयार नहीं थे कि कितने टिकट ऑनलाइन बिके हैं और कितने ऑफलाइन। एमपीसीए हर मैच में बड़ी संख्या में पास बांटता है, जिसकी कालाबाजारी भी होती है। क्लब से जुड़े पदाधिकारियों और सदस्यों को टिकट दिए जाते हैं, वह भी बाजारों में बिक जाते हैं, लेकिन अगर कोई सामान्य क्रिकेट प्रेमी टिकट खरीदना चाहे तो उसे टिकट नहीं मिलता। इस मैच में भी यही हुआ था, मैच शुरू होने के बाद तक स्टेडियम के बाहर टिकट बिकते रहे।
हर मैच में अध्यक्ष खांडेकर की मनमानी
एमपीसीए की मनमानी का आलम यह है कि वह मैच से मोटी कमाई के बावजूद सरकारी एजेंसियों से हर सुविधा फ्री में चाहता है। टैक्स का भुगतान न होने पर नगर निगम ने छापा भी मारा था, तब एमपीसीए के अध्यक्ष अभिलाष खांडेकर काफी आग-बबूला हो गए थे। उन्होंने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर नगर निगम की शिकायत की थी और पास मांगने के आरोप लगाए थे। खांडेकर ने तब कहा था कि नगर निगम में युवा आईएएस अधिकारियों को कुछ पास चाहिए थे। मैंने परंपरा और शिष्टाचार के नाते निगम आयुक्त प्रतिभा पाल को 25 पास भिजवा दिए थे। इसके बाद भी यह छापेमारी की गई।
बीसीसीआई के बाद आईसीसी की भी मेहरबानी
बीसीसीआई के बाद अब इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने भी एमपीसीए पर मेहरबानी दिखा दी है। विमेंस वनडे वर्ल्ड कप 2025 केशेड्यूल के अनुसार इंदौर के होलकर स्टेडियम में 5 मैच खेले जाएंगे। इससे पहले 1997 में भी इंदौर को इस टूर्नामेंट का एक मैच मिला था। इंदौर में 1, 6, 19, 22 और 25 अक्टूबर को भी मैच हैं।
क्या इस बार इंदौर के लोग देख पाएंगे मैच
एमपीसीए के पुराने रवैये के बाद यह सवाल सबके मन में है कि क्या इस बार इंदौर के क्रिकेटप्रेमियों को मैच देखने को मिलेगा? यह सवाल इसलिए क्योंकि लंबे समय से अंतर्राष्ट्रीय मैच का इंतजार कर रहे एमपीसीए के कर्ताधर्ता यह मौका हाथ से गंवाना नहीं चाहेंगे। वे पास के नाम पर टिकटों की कालाबाजारी करेंगे और एक फिर इंदौर के क्रिकेटप्रेमी ठगे जाएंगे। लोगों के मन में यह भी सवाल है कि जब ऑनलाइन या ऑफलाइन टिकट मिल ही नहीं पाता, तो सोशल मीडिया पर सेल्फी डालने वाले चेहरों को कहां से टिकट मिल जाता है? यह सवाल है जनता का, इंदौर के क्रिकेटप्रेमियों का। एमपीसीए के कर्णधारों को इस विचार करना चाहिए।
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