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तेजस्वी यादव का आरक्षण मुद्दे पर नीतीश सरकार पर हमला, उठाई 85% आरक्षण की मांग

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तेजस्वी यादव का आरक्षण मुद्दे पर नीतीश सरकार पर हमला, उठाई 85% आरक्षण की मांग

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आरक्षण के मुद्दे को केंद्र में लाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने 5 जून को सीएम को एक पत्र लिखकर वंचित वर्गों के लिए आरक्षण सीमा को बढ़ाकर 85 प्रतिशत करने की मांग की थी।

जब इस पत्र का कोई जवाब नहीं मिला, तो तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया के माध्यम से इस मुद्दे को उठाया और मुख्यमंत्री सहित एनडीए के प्रमुख नेताओं को आड़े हाथों लिया। उन्होंने लिखा,सामाजिक न्याय का ढोल पीटने वाले दल, जो मोदी सरकार को समर्थन दे रहे हैं, वे हमारी सरकार द्वारा बढ़ाई गई 65% आरक्षण सीमा को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल क्यों नहीं करा पाए?"

तेजस्वी का नए आरक्षण कानून को लेकर नीतीश को पत्र, सरकार पर लगाया टालमटोल का  आरोप

तेजस्वी ने सीधे नीतीश कुमार, चिराग पासवान, जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा से सवाल पूछा कि वे दलित, आदिवासी, पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्गों के हकों की इस अनदेखी पर चुप क्यों हैं।

उन्होंने कहा कि सिर्फ़ कुर्सी से चिपके रहने के लिए राजनीति नहीं होती। अगर प्रधानमंत्री से यह छोटी-सी मांग भी पूरी नहीं करवा सकते, तो ऐसे गठबंधन में रहना धिक्कार है।”

तेजस्वी यादव ने मांग की कि नीतीश कुमार यदि इस विषय पर केंद्र के सामने बोलने में असमर्थ हैं, तो उन्हें बिहार विधानसभा का एक दिन का विशेष सत्र बुलाना चाहिए, जहां सर्वदलीय सहमति से एक नया आरक्षण विधेयक पारित कर इसे संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करने की अनुशंसा की जाए।

तेजस्वी ने कहा कि इससे आरक्षण विरोधी ताकतें और भाजपा सरकार इस कानून को अदालत या अन्य माध्यमों से रद्द कराने में सफल नहीं हो सकेंगी।

नेता प्रतिपक्ष ने यह भी पूछा क्या भाजपा और आरएसएस की नीतियों पर चल रही एनडीए सरकार नहीं चाहती कि वंचित वर्गों को 85% आरक्षण मिले ताकि उन्हें शिक्षण संस्थानों में नामांकन और सरकारी नौकरियों में पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिल सके?"

तेजस्वी यादव ने अंत में आरोप लगाया कि नीतीश सरकार इस मुद्दे को जानबूझकर लटका और भटका रही है, जिससे वंचित वर्गों को उनका हक नहीं मिल पा रहा है।

 

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Editor

Abhilash Shukla

A Electronic and print media veteran having more than two decades of experience in working for various media houses and ensuring that the quality of the news items are maintained.

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