पाकिस्तान के मुरीदके में पुलिस और टीएलपी कार्यकर्ताओं में झड़प, एक एसएचओ सहित कई प्रदर्शनकारियों की मौत.


नई दिल्ली। पाकिस्तान के मुरीदके में तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच सोमवार हिंसक झड़प हुई। पुलिस ने बताया कि सुबह 3 बजे शुरू हुई कार्रवाई करीब छह घंटे चली। इस दौरान एक स्टेशन हाउस ऑफिसर शहीद हो गया और कई टीएलपी सदस्यों की मौत हो गई। इस घटना में काफी संख्या में लोग घायल भी हुए हैं।
कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान ने दावा किया कि पुलिस ने उसके समर्थकों को गोली मारी है। इतना ही रेंजर्स ने बख्तरबंद वाहन से 70 लोगों को कुचल दिया है जिससे कई लोग घायल भी हुए हैं। प्रदर्शनकारियों के मुताबिक मुरीदके में पुलिस और रेंजर्स ने अंधाधुंध फायरिंग की है। तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई हिंसक झड़प में 50 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। प्रदर्शनकारियों ने यातीम खाना चौक, चौबुर्जी, आजादी चौक और शाहदरा जैसे प्रमुख चौराहों पर बैरिकेड्स तोड़ दिए हैं। पुलिस ने खारियां शहर में जीटी रोड पर वाहनों की आवाजाही रोकने के लिए गड्ढा खोद दिया है। इतना ही नहीं प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए सराय आलमगीर में झेलम पुल के पास और चेनाब नदी के वजीराबाद की ओर भी गड्ढे खोदे गए हैं।
टीएलपी के प्रवक्ता ने इससे पहले कहा था कि 'लब्बैक या अक्सा मिलियन मार्च’ को रोकने के लिए मरियम नवाज की पंजाब सरकार ने अपमानजनक हथकंडे अपनाए हैं। टीएलपी के कार्यकर्ताओं पर जुल्म बंद होना चाहिए। उन्होंने कहा कि फिलिस्तीन के साथ एकजुटता दिखाना पाकिस्तान में अपराध बन गया है।
पंजाब पुलिस के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थर, कीलों वाले डंडों और पेट्रोल बम से हमला किया। इसके बाद गोलियां चलीं। पुलिस ने सीमित कार्रवाई कर भीड़ को तितर-बितर किया। इस दौरान करीब 40 सरकारी और निजी वाहनों में आग लगा दी गई। कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार भी किया गया है। सोशल मीडिया पर झड़पों की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं जिनमें जली हुई गाड़ियां और धुआं उठता दिख रहा है। इस झड़प के बाद प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर कई अहम सड़कें और हाईवे दोबारा बंद कर दिए।