Published On :
17-Feb-2025
(Updated On : 17-Feb-2025 09:20 am )
गाजा को लेकर ट्रंप की योजना पर अमेरिका का कूटनीतिक मिशन: विदेश मंत्री मार्को रूबियो का पश्चिम एशिया दौरा.
Abhilash Shukla
February 17, 2025
Updated 9:20 am ET
गाजा को लेकर ट्रंप की योजना पर अमेरिका का कूटनीतिक मिशन: विदेश मंत्री मार्को रूबियो का पश्चिम एशिया दौरा
वाशिंगटन/यरुशलम – अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो पश्चिम एशिया के दौरे पर हैं। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य गाजा पट्टी को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की योजना पर क्षेत्रीय सहमति बनाना है।
गाजा पर ट्रंप की योजना: क्या है विवाद?
हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप ने सुझाव दिया कि गाजा का प्रशासन अमेरिका को सौंपा जाए, जिससे अमेरिका वहां पुनर्निर्माण कार्य कर सके। इसके साथ ही उन्होंने अरब देशों से गाजा के विस्थापित लोगों को शरण देने की अपील की।
इस योजना पर इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी, लेकिन अरब देशों ने इसे पूरी तरह खारिज कर दिया।
रूबियो का मिशन: अरब देशों पर दबाव या समाधान की तलाश?
मार्को रूबियोने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में कहा कि ट्रंप की योजना का मकसद अरब देशों को गाजा के भविष्य पर एक ठोस योजना बनाने के लिए प्रेरित करना है। उन्होंने साफ किया कि:
गाजा में हमास की कोई भूमिका नहीं होनी चाहिए।
अरब देशों को गाजा में शांति स्थापित करने के लिए अपनी सेना भेजनी चाहिए।
अमेरिकी सैनिकों को गाजा में भेजने की कोई योजना नहीं है।
युद्धविराम और आगे की राह
इजराइल और हमास के बीच युद्धविराम मार्च की शुरुआत में समाप्त होने वाला है। अभी तक इसके अगले चरण पर सहमति नहीं बन पाई है। इजराइल ने संकेत दिया है कि अगर कोई समाधान नहीं निकला, तो वह हमास पर नए हमले शुरू कर सकता है।
राष्ट्रपति ट्रंप भी हमास को कड़ी चेतावनी दे चुके हैं कि अगर उन्होंने युद्धविराम पर सहमति नहीं दी, तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
क्या ट्रंप की योजना से हल निकलेगा या बढ़ेगा विवाद?
अंतरराष्ट्रीय समुदाय में इस योजना को लेकर भारी विरोध और बहस जारी है।
इजराइल इसे सुरक्षा के लिहाज से सही मानता है।
अरब देश इसे फिलिस्तीनियों के अधिकारों का उल्लंघन बता रहे हैं।
मानवाधिकार संगठन इसे फिलिस्तीनी नागरिकों के लिए अन्यायपूर्ण मान रहे हैं।
अब सवाल उठता है कि क्या मार्को रूबियो इस दौरे से कोई बड़ी कूटनीतिक सफलता हासिल कर पाएंगे, या यह दौरा सिर्फ ट्रंप की रणनीति को आगे बढ़ाने का एक प्रयास मात्र रहेगा?