क्या दो नावों की सवारी कर पाएंगे चिंटू चौकसे या पतवार झपटने में सफल हो जाएंगे प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी.


इंदौर। नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे को शहर अध्यक्ष की कमान तो मिल गई है, लेकिन एक बड़ा सवाल यह है कि क्या वे नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ेंगे? वैसे भी सत्ता से बाहर होने के बाद कांग्रेस के पास नेताओं की कमी तो नहीं है, लेकिन पद की कमी जरूर है। ऐसे में कांग्रेस में ही आवाज उठने लगी है कि चिंटू को एक पद छोड़ देना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि इंदौर शहर कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए कई नेता लंबे समय से कतार में इंतजार करते रहे, लेकिन पद उड़ा ले गए चिंटू। इसको लेकर कांग्रेस में काफी विरोध भी है। कुछ विरोधों को दबा दिया गया है, लेकिन अब यह बात खुलकर सामने आने लगी है कि एक ही नेता को दो-दो पद क्यों? इंदौर में दम तोड़ चुकी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का कहना है कि चिंटू शहर कांग्रेस के लिए बेहतर विकल्प नहीं हो सकते। उनका दायरा नगर निगम तक ही होना चाहिए था, लेकिन जब नियुक्ति हो ही गई है तो कम से कम एक पद तो छोड़ दें।
चिंटू नहीं छोड़ना चाहते हैं पद
कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि चिंटू चौकसे नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष का पद नहीं छोड़ना चाहते। बताया जा रहा है कि चिंटू का कहना है कि उन्होंने शहर अध्यक्ष का पद मांगा ही नहीं था। ऐसे में जब जबरदस्ती पद दे दिया गया है तो वे नेता प्रतपिक्ष का पद क्यों छोड़ेंगे?
पटवारी ने शुरू कर दिया खेल
कांग्रेस के लोगों का कहना है कि चिंटू की नियुक्ति में पूरी तरह से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी का हाथ है। ऐसे में पटवारी किसी भी तरह जुगत भिड़ा रहे हैं कि चिंटू नगर निगम वाला पद छोड़ दें। इसी रणनीति के तहत दीपू यादव के मार्फत यादव समाज का प्रदर्शन भी करवाया जा रहा है। रणनीति यह है कि यादव समाज अगर दबाव बनाता है तो दीपू यादव की पार्षद पत्नी को यह पद दे दिया जाएगा। चिंटू से कहा जाएगा कि काफी विरोध के कारण यह फैसला लेना पड़ा।
जल्द ही आने वाला है प्रदेश कांग्रेस से बयान
सूत्र बताते हैं कि जीतू पटवारी की तैयारी यह है कि वे कांग्रेस के किसी बड़े नेता या पदाधिकारी से यह बयान जारी करवा दें कि अब एक नेता, एक पद का सिद्धांत ही चलेगा। कहा तो यह भी जा रहा है कि अगर किसी नेता ने बयान नहीं दिया तो विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार से ऐसा बयान दिलवाने की तैयारी है। अब देखना यह है कि चिंटू चौकसे दो नावों में सवारी कर पाएंगे या फिर जीतू पटवारी एक नाव की पतवार खींचने में सफल हो जाते हैं।