सौरभ शर्मा मामले में विधानसभा में विपक्ष का हंगामा, सीबीआई जांच की मांग को लेकर किया वॉक आउट.


भोपाल। आरटीओ के पूर्व सिपाही सौरभ शर्मा के मामले में गुरुवार को विधानसभा में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। सीबीआई जांच की मांग के बीच ही स्पीकर ने दूसरे ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के लिए विधायक बृजेंद्र प्रताप सिंह को बुलाया। इस पर कांग्रेस विधायक नारेबाजी करने लगे। कुछ देर हंगामे के बाद सदन से वॉक आउट कर दिया।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, उप नेता हेमंत कटारे और विधायक प्रताप ग्रेवाल ने ध्यानाकर्षण के दौरान परिवहन विभाग के चेक पोस्ट और चेक नाकों में अवैध वसूली का मुद्दा उठाया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा भोपाल के मेंडोरी में सोने से भरी कार और करोड़ों का कैश किसका था अब तक पता नहीं चला। परिवहन मंत्री उदय प्रताप ने सदन में जानकारी देते हुए कहा कि चेक पोस्ट पर अनीयमितताओं को लेकर सौरभ शर्मा उसके ठिकाने और ऑफिस पर छापेमारी की गई। एक करोड़ नगद और 20 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति को जब्त किया गया। जांच के आधार पर ही सौरभ शर्मा और उसके साथियों को आरोपी बनाया गया।
परिवहन मंत्री बोले-बंद हो चुके हैं चेकपोस्ट
परिवहन मंत्री ने कहा कि सौरभ शर्मा ने अनुकंपा नियुक्ति के शपथ पत्र में यह जानकारी नहीं दी थी कि उनके परिवार का कोई सदस्य सरकारी नौकरी में पहले से है। मंत्री ने कहा कि प्रदेश में वाहन चेंकिग की पारदर्शी व्यवस्था लागू कर दी गई है। 1 जुलाई से सभी परिवहन चेक पोस्ट बंद हो चुके हैं। फिलहाल चेकिंग पॉइंट संचालित किए जाने का कोई स्थान निर्धारित नहीं है। आकस्मिक चेकिंग कर चालानी कार्रवाई की जा रही है, इसलिए अवैध वसूली की बात गलत है।
सिंघार बोले-अभी भी हो रही वसूली
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा अभी भी वसूली हो रही है। ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को हटा दिया गया, क्या इससे भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा? क्या ग्वालियर के परिवहन अधिकारी पर एफआईआर हुई ? लोकायुक्त ने कहा उसे सोने से भरी गाड़ी और पैसे नहीं मिले, आयकर विभाग कार्रवाई करता है। गाड़ी किसकी है यह पता है, गाड़ी के कागज भी हैं लेकिन सोना किसका है?
कटारे ने उठाया नियुक्ति पत्र का मामला
विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने कहा कि विधानसभा से मुझे जो जवाब मिला उसमें कई नोटशीट गायब कर दी गईं। कुछ नोटशीट ब्लैंक आए हैं। सौरभ शर्मा का नियुक्ति पत्र मेरे पास है, इस नियुक्ति पत्र में लिखा है निज सहायक माननीय मंत्री जी सूचनार्थ यह मंत्री कौन थे पता लगाया जा सकता है। कलेक्टर को पत्र प्रेषित किये जाने का जिक्र है, यह नोटशीट जिस पत्र आधार पर लिखा गया उसकी एक कॉपी सौरभ शर्मा, कलेक्टर और सीएमओ को भेजी गयी फिर भी मंत्री का प्रेम था।
भूपेंद्र सिंह के खिलाफ एफआईआर की मांग
इस पर अध्यक्ष ने टोकते हुए कहा नियुक्ति की बजाय विषय पर केन्दित हों। तब हेमंत कटारे ने कहा सौरभ शर्मा माननीय के संपर्क में आया वह ट्रांसपोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति तक करवाता था। फर्जी अनुकम्पा नियुक्ति मंत्री ने खुद स्वीकार किया। जिस नोटशीट के आधार पर नियुक्ति हुई थी उसपर कार्रवाई होगी? कटारे ने सदन में नकली सोने के बिस्किट लहराते हुए, आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सौरभ शर्मा को नियुक्ति देने में सबसे बड़ा हाथ पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह का है। भूपेंद्र सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो। सौरभ शर्मा राजेंद्र सिंह के साथ भूपेंद्र सिंह के संपर्क में आया। लगातार हंगामे के बीच कांग्रेस विधायक सदन से वॉकआउट कर गए।