तेलंगाना में उपचुनाव के बीच टीम इंडिया के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन के मंत्री बनते ही बवाल, भाजपा ने चुनाव आयोग से की शिकायत.
हैदराबाद। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और कांग्रेस नेता मोहम्मद अजहरुद्दीन को तेलंगाना में मंत्री बनाया गया हैराज्यपाल जिष्णु देव वर्मा ने उन्हें शपथ दिलाई। भाजपा ने इस पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। तेलंगाना में जुबली हिल्स विधानसभा में चुनाव है, इसी बीच अजहरुद्दीन को मंत्री बनाया गया है। भाजपा ने इसे आचार संहिता का उल्लंघन बताया है।
मोहम्मद अजहरुद्दीन ने शपथ लेने के बाद कहा कि मैं बहुत खुश हूं। मैं उन सभी लोगों का बहुत आभारी हूं जिन्होंने मेरा साथ दिया। मैं हर काम, हर स्तर पर ईमानदारी से काम करूंगा। जब से मैंने क्रिकेट खेलना शुरू किया है, तब से मुझे आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है, इसलिए मेरे लिए इससे ज़्यादा फर्क नहीं पड़ता। मेरा लक्ष्य सिर्फ सही तरीके से काम करना है और उनका (विपक्ष का) काम आलोचना करना है।
भाजपा ने की चुनाव आयोग से शिकायत
भाजाप की चुनाव मामलों की समिति के अध्यक्ष मर्री शशिधर रेड्डी ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी सी. सुदर्शन रेड्डी से मुलाकात की। उन्होंने शपथ ग्रहण समारोह को रोकने की मांग की थी। भाजपा कहना है कि अजहरुद्दीन का मंत्री बनना जुबली हिल्स उपचुनाव से पहले मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश है। रेड्डी ने कहा कि अजहरुद्दीन जुबली हिल्स के ही मतदाता हैं और 2023 में कांग्रेस के उम्मीदवार भी थे। ऐसे में यह कदम मतदाताओं को एक वर्ग विशेष के पक्ष में झुकाने का प्रयास है। भाजपा ने इसे पूरी तरह चुनाव आचार संहिता के खिलाफ है.
कांग्रेस ने कहा-भाजपा को अल्पसंख्यक बर्दाश्त नहीं
कांग्रेस ने भाजपा के आरोपों को सांप्रदायिक राजनीति बताते हुए तीखा जवाब दिया। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता और सांसद चामला किरण कुमार रेड्डी ने कहा कि भाजपा एक प्रमुख अल्पसंख्यक नेता को कैबिनेट में आते नहीं देख सकती। वह जुबली हिल्स में साम्प्रदायिक भावनाएं भड़का रही है। कांग्रेस प्रवक्ता अड्डांकी दयाकर ने कहा कि अजहरुद्दीन देश का गौरव हैं। उन्होंने भारत का नाम क्रिकेट मैदान पर रोशन किया। उन पर सांप्रदायिक टिप्पणी करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
उप चुनाव में कांग्रेस को हो सकता है फायदा
अजहरुद्दीन के मंत्री बनने से जुबली हिल्स विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस को फायदा हो सकता है। यहां एक लाख से अधिक मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। यह उपचुनाव जून में बीआरएस विधायक मगंती गोपीनाथ की हृदयाघात की मृत्यु के बाद हो रहा है।