पंजाब में बदनामी के डर से कांग्रेस का बड़ा एक्शन, नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर पार्टी से सस्पेंड, 500 करोड़ वाला बयान पड़ा भारी.
नई दिल्ली। पंजाब कांग्रेस ने पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर पर बड़ा एक्शन लेते हुए उन्हें पार्टी से सस्पेंड कर दिया है। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा बडिंग ने इसकी पुष्टि की है। नवजोत कौर ने बयान दिया था कि कांग्रेस में जो 500 करोड़ की अटैची देता है उसकी को सीएम फेस बनाया जाता है।
नवजोत कौर ने शनिवार को चंडीगढ़ में मीडिया से बात करते हुए कहा था कि सक्रिय राजनीति में नवजोत सिंह सिद्धू तभी लौटेंगे जब कांग्रेस उन्हें पंजाब में पार्टी का मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करेगी। उनके पास किसी पार्टी को देने के लिए पैसे नहीं हैं, लेकिन वे पंजाब को एक सुनहरा राज्य बना सकते हैं। हमारे पास 500 करोड़ रुपए नहीं हैं, जो हम मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने के लिए दे सकें। जो 500 करोड़ रुपए का सूटकेस देता है, वही मुख्यमंत्री बनता है।
बाद में नवजोत कौर ने दी थी सफाई
नवजोत कौर सिद्धू ने विवाद खड़े होने के बाद सफाई देते हुए कहा कि उनकी टिप्पणी को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। कौर ने एक्स पर रविवार को लिखा कि मैं हैरान हूं कि मेरे सीधे बयान को किस तरह तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। मैंने सिर्फ इतना कहा था कि कांग्रेस पार्टी ने हमसे कभी कुछ नहीं मांगा। जब मुझसे पूछा गया कि नवजोत किसी दूसरी पार्टी से मुख्यमंत्री पद का चेहरा बन सकते हैं या नहीं, तो मैंने कहा कि हमारे पास मुख्यमंत्री पद के वास्ते किसी को देने के लिए कोई पैसा नहीं है।
भाजपा और आप को मिल गया मौका
नवजोत कौर सिद्धू के बयान के बाद से पंजाब में सियासत गरमा गई थी। आम आदमी पार्टी और भाजपा को कांग्रेस पर वार करने का मौका मिल गया। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता कुलदीप सिंह धालीवाल ने तंज कसते हुए कहा था नवजोत कौर के बयान से साफ जाहिर है कि कांग्रेस देश की सबसे भ्रष्ट पार्टी है। जिस पार्टी में जीतने की बात तो दूर, उम्मीदवार बनने के लिए भी कथित तौर पर 500 करोड़ रुपये देने पड़ते हों, तो कोई समझ सकता है कि उस पार्टी का क्या हाल होगा। इधर, भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी आरोप लगाते हुए कहा कि कई राज्यों में ऐसे मामले सामने आए, जहां कांग्रेस के कई नेताओं ने पार्टी के अंदरूनी भ्रष्टाचार और पैसे की ताकत को लेकर चिंता जाहिर की। किसी भी लोकतंत्र में जवाबदेही और पारदर्शिता बेहद जरूरी है।