आखिर वक्फ बिल पर इतनी नरम क्यों रही सरकार, विपक्ष की मांग पर तुरंत जेपीसी को भेज दिया-हरीश फतेहचंदानी.


इंदौर। वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर सरकार का जो रुख रहा, वह सबको चौंका रहा है। बिल पेश करने के पहले जो माहौल बनाया गया था, संसद में वह दिखा नहीं। अन्य मुद्दों पर विपक्ष के खूब शोर मचाने पर भी टस से मस नहीं होने वाली सरकार आखिर थोड़े विरोध के बाद ही विपक्ष की बात कैसे मान गई। बिना किसी टीका-टिप्पणी के तुरंत इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेज दिया है। विपक्ष भले ही इस पर अपनी पीठ खुद ही ठोक ले, लेकिन इससे सरकार की मंशा पर कई सवाल उठ खड़े हुए हैं।
अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद में गुरुवार को विधेयक पेश किया। विधेयक पर चर्चा हुई जिसमें विपक्ष ने सवाल उठाए। मंत्री रिजिजू ने विपक्ष को जवाब देते हुए कहा कि अगर सदस्य विधेयक को विचार के लिए जेपीसी के में भेजने की मांग कर रहे हैं तो हमें कोई आपत्ति नहीं। उसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों को आश्वासन दिया कि विधेयक पर विचार के लिए जेपीसी का गठन किया जाएगा। सरकार का यह कदम किसी को आसानी से हजम नहीं हो रहा।
सामने है 12 सीटों पर राज्यसभा चुनाव
उल्लेखनीय है कि इस विधेयक को राज्यसभा में भी पेश किया जाना है, जो अगले सत्र में संभव है। राज्यसभा का शीतकालीन सत्र नवंबर-दिसंबर महीने में आयोजित होगा। तब तक राज्यसभा का समीकरण सत्ताधारी दल बीजेपी के पक्ष में आ जाएगा। 3 सितंबर को राज्यसभा की 12 सीटों पर होने वाले चुनावों में सत्ताधारी एनडीए के सदस्य चुने जाने की उम्मीद है। अगले सत्र से पहले अगर राज्यसभा के चार नामित सदस्यों की खाली सीटों को भर दिया गया तो सदन में सरकार का हाथ और मजबूत हो जाएगा। पिछले महीने ही ये चारों सीटें खाली हुई हैं। ये चार सदस्य आ गए तो सरकार को राज्यसभा में बहुमत पाने के लिए एआईएडीएमके जैसे बाहरी सहयोगियों की राह नहीं तकनी होगी।
फिलहाल यह है राज्यसभा का गणित
राज्यसभा में एनडीए के कुल 117 सदस्य हैं जबकि 237 सदस्यों के सदन में बहुमत का आकंड़ा 119 का होता है। इस लिहाज से एनडीए को सिर्फ दो सदस्यों की जरूरत है। अभी राज्यसभा की आठ सीटें खाली हैं जिन पर चुनाव होने वाले हैं। इनमें जम्मू-कश्मीर की चार और चार नामित सदस्यों की सीटें हैं। सरकार ने चार सदस्य नामित कर दिए तो सदन की स्ट्रेंग्थ बढ़कर 241 हो जाएगी, तब बहुमत का आंकड़ा 121 हो जाएगा। चूंकि चारों नामित सदस्य एनडीए के होंगे, इसलिए उसे पूर्ण बहुमत मिल जाएगा।
सात राज्यों में खाली हुई हैं सीटें
सात राज्यों में बीजेपी, कांग्रेस और आरजेडी के राज्यसभा सांसदों के लोकसभा चुनावों में जीतने के बाद जो सीटें खाली हुए हैं, वहां चुनाव होना है। वहीं, तेलंगाना और ओडिशा से भी एक-एक राज्यसभा सांसद ने राज्यसभा की सदस्यता छोड़कर पार्टी बदल ली है। तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के सदस्य के केशव राव ने कांग्रेस जबकि बीजेडी मेंबर ममता मोहंता ने बीजेपी जॉइन की है।
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