जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस के गठबंधन पर शाह का राहुल पर तंज, आरक्षण के बहाने पूछ लिए 10 सवाल.


नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के साथ गठबंधन कर लिया है। गुरुवार को राजीव गांधी और फारूख अबदुल्ला ने इसकी घोषणा की थी। शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस गठबंधन पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी से 10 सवाल पूछे हैं। अमित शाह ने कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाते हुए एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि सत्ता के लालच में बार-बार देश की एकता और सुरक्षा के साथ खेलने वाली कांग्रेस पार्टी ने जम्मू-कश्मीर चुनाव में अब्दुल्ला परिवार की नेशनल कांफ्रेंस के साथ गठबंधन करके फिर से अपने मंसूबों को देश के सामने रखा है।
अमित शाह ने पूछा है कि क्या कांग्रेस नेशनल कांफ्रेंस के जम्मू-कश्मीर में फिर से अलग झंडे के वादे का समर्थन करती है? क्या राहुल गया गांधी और कांग्रेस पार्टी अनुच्छेद 370 और 35ए को वापस लाकर जम्मू-कश्मीर को फिर से अशांति और आतंकवाद के युग में धकेलने के जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के निर्णय का समर्थन करती है? क्या कांग्रेस कश्मीर के युवाओं के बदले पाकिस्तान के साथ वार्ता करके फिर से अलगाववाद को बढ़ावा देने का समर्थन करती है?
क्या शंकराचार्य पर्वत फिर से तख़्त-ए-सुलिमान हो जाए?
केंद्रीय गृह मंत्री ने सवाल किया कि क्या कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी पाकिस्तान के साथ एलओसी ट्रेड शुरू करने के नेशनल कांफ्रेंस के निर्णय से फिर से बॉर्डर पार से आतंकवाद और उसके इकोसिस्टम का पोषण करने का समर्थन करते हैं? क्या कांग्रेस आतंकवाद और पत्थरबाजी की घटनाओं में शामिल लोगों के परिजनों को फिर से सरकारी नौकरी में बहाल करके आतंकवाद, दहशतगर्दी और बंद के दौर को फिर से लाने का समर्थन करती है? उन्होंने कहा कि इस गठबंधन से कांग्रेस पार्टी का आरक्षण विरोधी चेहरा सामने आया है। क्या कांग्रेस दलितों, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ियों के आरक्षण को समाप्त कर फिर से उनके साथ अन्याय करने के जम्मू-कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस के वादे के साथ है? क्या कांग्रेस चाहती है कि शंकराचार्य पर्वत फिर से तख़्त-ए-सुलिमान और हरि पर्वत फिर से कोह-ए-मारन के नाम से जाने जाएं?
आरक्षण को लेकर अपनी नीति स्पष्ट करें राहुल
अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर को लेकर मोदी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को सामने रखते हुए अलग पोस्ट में कहा कि मोदी सरकार ने आर्टिकल 370 और 35ए हटाने के बाद वर्षों से दलितों, आदिवासियों, पहाड़ियों और पिछड़ों के साथ हो रहे भेदभाव को खत्म करके उन्हें आरक्षण देने का काम किया। क्या राहुल गांधी जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणापत्र में उल्लेखित दलितों, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ियों के आरक्षण को समाप्त करने वाले आरक्षण विरोधी प्रस्ताव का समर्थन करते हैं? कांग्रेस और राहुल गांधी को देश के सामने अपनी आरक्षण नीति को स्पष्ट करना चाहिए।
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