वक्फ बिल पर असदुद्दीन ओवैसी का बड़ा बयान, कहा- क्या अब हमारी घरों में झांकेंगे नरेंद्र मोदी?.


नई दिल्ली। वक्फ संशोधन बिल को लेकर देश में घमासान जारी है। इस बीच एआईएमआईएम प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने एक बड़ा बयान दिया है। ओवैसी ने कहा कि क्या नरेंद्र मोदी अब हमारे घरों में झांकेंगे? पांच साल बाद वे कहेंगे कि अब आप मुसलमान हैं और आपको प्रमाण पत्र लेने की जरूरत है? ओवैसी ने कहा है कि वक्फ बोर्ड एक प्राइवेट प्रॉपर्टी है, लेकिन भाजपा ऐसे बता रही है जैसे कि सरकार की संपत्ति है।
ओवैसी ने सरकार पर आरोप लगाए हैं कि वह वक्फ बोर्ड को हमेशा-हमेशा के लिए खत्म कर देना चाहती है। ओवैसी ने कहा कि वक्फ अधिनियम 1995 उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ की अवधारणा पर आधारित है। यदि कोई स्थान प्रार्थना के लिए उपयोग किया जाता है, अनाथालय के रूप में कार्य करता है या कब्रिस्तान के रूप में कार्य करता है तो वह वक्फ संपत्ति बन जाती है। सरकार अब इसे खत्म करना चाहती है।
ओवैसी ने कहा कि हिंदू धर्म में कई बंदोबस्ती बोर्ड हैं, जहां उपयोग के कारण स्थान धार्मिक हो जाते हैं। उत्तर प्रदेश में सुन्नी वक्फ बोर्ड के तहत पंजीकृत 1,21,000 संपत्तियों में से 1,12,000 संपत्तियां उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ की हैं। ओवैसी ने पूछा कि उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ खत्म होने के बाद वे कौन सा कानून लागू करेंगे? उन्होंने ये भी आरोप लगाए कि वक्फ (संशोधन) विधेयक के मसौदे में कहा गया है कि पांच साल तक प्रैक्टिस करने वाला मुस्लिम वक्फ बोर्ड को दान दे सकता है। हालांकि, इसमें यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि प्रैक्टिस करने वाले मुस्लिम का क्या मतलब है।
हिंदू धर्म में ऐसा कोई कानून लागू नहीं
ओवैसी ने सवाल किया कि क्या इसका मतलब है कि कोई व्यक्ति दिन में पांच बार नमाज पढ़ता है, दाढ़ी रखता है, टोपी पहनता है या उसकी कोई गैर-मुस्लिम पत्नी नहीं है? उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म के लोगों पर ऐसा कोई कानून लागू नहीं होता, जहां कोई भी व्यक्ति इन कानूनी प्रतिबंधों के बिना कभी भी दान कर सकता है। मैं सरकार से पूछना चाहता हूं कि उन्होंने प्रैक्टिस करने वाले मुस्लिम जैसी शब्दावली क्यों बनाई? क्या नरेंद्र मोदी अब हमारे घरों में झांकेंगे या फिर पांच साल बाद कहेंगे कि अब आप मुसलमान हैं और आपको प्रमाण पत्र लेने की जरूरत है?
कलेक्टर कैसे हो सकता है जज
ओवैसी ने कहा कि हिंदू धर्म में कोई भी व्यक्ति इन कानूनी प्रतिबंधों के बिना कभी भी दान कर सकता है। इस विधेयक में यह भी लिखा हुआ है कि सरकार के नियंत्रण में एक वक्फ संपत्ति का फैसला जिला कलेक्टर करेगा। कलेक्टर तो खुद सरकार का हिस्सा है। वह कैसे वक्फ के मामले में जज हो सकता है।
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