वक्फ बिल पर गृह मंत्री अमित शाह की दो टूक- यह संसद का कानून है, सबको स्वीकार करना ही होगा.


नई दिल्ली। बुधवार को लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पेश किया गया और इसके बाद इस पर बहस हुई। विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि विपक्ष द्वारा लोगों भ्रमित किए किया जा रहा है। यहां एक सदस्य ने तो यह कह दिया कि अल्पसंख्यक इस कानून को स्वीकार नहीं करेंगे। .क्या धमकाना चाहते हो भाई? संसद का कानून है, सबको स्वीकार करना पड़ेगा। स्वीकार नहीं करेंगे इसका मतलब क्या है? कैसे बोल सकते हैं आप? आप कानून को स्वीकार नहीं करेंगे? यह कानून भारत सरकार का है।
अमित शाह ने सभी तरह के भ्रम पर कहा कि यह बिल वक्फ की संपत्ति के रख-रखाव के लिए है न कि वक्फ की जमीन पर कब्जा करने के लिए है। उन्होंने कहा कि इससे बेरोजगार मुसलमानों को फायदा होगा। वक्फ की आय बढ़ेगी। शाह ने कहा कि यह पूरा जो विवाद चल रहा है, वह वक्फ में गैर-मुसलमानों के प्रवेश को लेकर है। उन्होंने बताया कि पहले यह प्रावधान था कि वक्फ में कोई गैर-इस्लामिक सदस्य नहीं हो सकता। इससे स्पष्ट है कि कोई भी चीज गैर-इस्लामिक नहीं हो सकती और धार्मिक संस्थाओं के संचालन में गैर-मुस्लिम सदस्य को रखने का कोई प्रावधान नहीं किया गया है और न ही हम कोई ऐसा प्रावधान करना चाहते हैं।
किसी धर्म के आस्थाओं में दखल नहीं
विपक्षी दलों ने यह आरोप लगाया था कि इससे मुसलमानों की संपत्ति या उनके समानता के अधिकारों को नुकसान पहुंचेगा। इस पर गृह मंत्री ने बताया कि 1995 से वक्फ बोर्ड और परिषद का गठन किया गया था और यह प्रक्रिया केवल संपत्ति के प्रशासन और नियमन से संबंधित है, न कि किसी धर्म के आस्थाओं में दखल देने का। उन्होंने यह भी कहा कि यह भ्रांति फैलाकर अल्पसंख्यकों को डराया जा रहा है, ताकि उनका वोट बैंक बनाया जा सके।
वक्फ बोर्ड का काम धार्मिक काम देखना नहीं
गृह मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि वक्फ बोर्ड का काम धार्मिक क्रियाकलापों को संचालित करना नहीं है। उनका कार्य केवल यह देखना है कि दान के लिए दी गई संपत्ति का प्रशासन ठीक से हो रहा है या नहीं। उन्होंने कहा, दान किसके लिए दिया गया है, क्या वह इस्लाम धर्म के लिए दिया गया है या गरीबों के उत्थान के लिए, इसका सही तरीके से उपयोग हो रहा है या नहीं, यह देखना हमारा काम है। वक्फ बोर्ड का गठन ट्रस्ट एक्ट के तहत हुआ है, जहां ट्रस्टी वह लोग होते हैं जो इस बोर्ड के संचालन को देखेंगे। वक्फ बोर्ड का उद्देश्य धार्मिक काम नहीं है, यह एक प्रशासनिक कार्य है।
रेलवे की जमीन वक्फ के नाम हो गई थी घोषित
अमित शाह ने कहा कि विपक्षी दल देश तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। वक्फ में गड़बड़ी करने वालों को पकड़ा जाएगा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वक्फ में पैसे की चोरी हो रही है और इसके कई उदाहरण भी हैं। उन्होंने बताया कि 2014 में चुनाव के दौरान रेलवे की भूमि को वक्फ के नाम पर घोषित कर दिया गया था और गांवों पर भी वक्फ ने कब्जा कर लिया था। इसके अलावा, तमिलनाडू में 1500 साल पुराने मंदिर की जमीन पर भी वक्फ ने कब्जा कर लिया था।
गृह मंत्री ने बताया वक्फ का मतलब
गृह मंत्री ने कहा कि वक्फ एक अरबी शब्द है, जिसका इतिहास कुछ हदीसों से जुड़ा हुआ है। इसका अर्थ आजकल चैरिटेबल एंडोमेंट के रूप में लिया जाता है। वक्फ का मतलब है-अल्लाह के नाम पर पवित्र संपत्तियों का दान देना। इस शब्द का उपयोग सबसे पहले खलीफा उमर के समय में हुआ था और यदि आज के समय में इसे समझें तो यह एक ऐसी संपत्ति का दान है, जो किसी व्यक्ति की ओर से धार्मिक या सामाजिक भलाई के लिए बिना वापस लेने के उद्देश्य से दी जाती है। इस प्रक्रिया को वक्फ कहा जाता है।
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