देवी अहिल्या संस्था की वरीयता सूची पर विवाद, अब उपाध्यक्ष ने सहकारिता विभाग को पत्र लिख कर की दावे-आपत्तियों के लिए समय बढ़ाने की मांग.


इंदौर। सहकारिता विभाग तथा जिला प्रशासन के दबाव के बाद देवी अहिल्या श्रमिक कामगार सहकारी संस्था के अध्यक्ष विमल अमजेरा और उपाध्यक्ष मनोज काला ने वरीयता सूची प्रकाशित तो कर दी है, लेकिन इसमें नियमों का पालन नहीं हो रहा। अखबारों में दी गई जाहिर सूचना में दावे-आपत्ति के लिए 15 दिन का समय ही दिया गया है, जबकि सहकारिता विभाग के नियमों के अनुसार 60 दिन का समय होना चाहिए। अब संस्था के उपाध्यक्ष ने सहकारिता विभाग को पत्र लिखकर इस पर आपत्ति लगाई है।
देवी अहिल्या संस्था के उपाध्यक्ष पंकज जायसवाल ने सहकारिता विभाग के उपायुक्त को पत्र लिखकर कहा है कि अयोध्यापुरी कॉलोनी एवं श्रीमहालक्ष्मी नगर की सूची का प्रकाशन 1 सितंबर 2025 को किया गया था। इसकी जाहिर सूचना का प्रकाशन दो अखबारों में किया गया। जाहिर सूचना में बताया गया था कि यह सूची सहकारिता कार्यालय, कलेक्टोरेट कार्यालय, आईपीसी बैंक महारानी रोड, जिला संघ किला मैदान तथा देवी अहिल्या श्रमिक संस्था मर्यादित, इंदौर पर उपलब्ध रहेगी। इसके विपरित यह सूची सिर्फ देवी अहिल्या संस्था के कार्यालय पर ही उपलब्ध रही। जायसवाल ने पत्र में लिखा है कि इस सूची के प्रकाशन के लिए प्रस्ताव की सहमति रसीदधारी संचालकगणों से नहीं ली गई। दोनों कॉलोनी के बहुत से सदस्य इस सूची के अवलोकन की राह देख रहे हैं। कई सदस्य इस सूची पर आपत्तियां दर्ज कराना चाहते हैं। इस कारण दावे-आपत्ति की समय सीमा बढ़ाई जाए।
सहकारिता के नियमों में 60 दिन का प्रावधान
बताया जाता है कि संचालक मंडल द्वारा सभी सहकारिता के नियमों का पालन कर अनुमोदित सूची प्रदर्शित होना दर्शाया गया है, जो सरासर गलत है। इसमें समय 15 दिन का दिया गया है, लेकिन नियमानुसार समय 60 दिन का दिया जाना चाहिए। पांच जगह पर प्रदर्शित होना बताकर जानबूझ कर वहां पर सूची नहीं लगाई गई। सिर्फ देवी अहिल्या के कार्यालय पर रखी गई जिससे लिस्ट में की गई हेराफेरी किसी को पता न चले और उसे पर आपत्तियां न आएं। कई सारे सदस्यों को तो पता ही नहीं है कि सूची प्रदर्शित हो गई है। कई सदस्य परेशान हो रहे हैं। बताया जाता है कि दो अखबारों में जाहिर सूचना के अलावा सदस्यों को किसी अन्य माध्यम से सूचना नहीं दी गई है।
जाहिर सूचना में भी किया संशोधन
संस्था के अध्यक्ष विमल अजमेरा ने पहले जो जाहिर सूचना प्रकाशित की, उसमें सूची को सहकारिता विभाग द्वारा तैयार करना बताया गया, जब विभाग ने आपत्ति ली तो फिर से संशोधन कर कहा गया कि यह सूची संचालकगण द्वारा बनाई गई है। जबकि यह सूची 9 में सिर्फ छह संचालकों द्वारा ही अनुमोदित की गई है।
पात्र सदस्यों को आम सभा से दूर रखने की कोशिश
बताया जाता है कि देवी अहिल्या संस्था के अध्यक्ष विमल अजमेरा और उपाध्यक्ष मनोज काला ने इस सूची में कई अपात्र सदस्यों को पात्र बता दिया है। इसी फर्जीवाड़े से बचने के लिए वे मूल सदस्यों तक सूची नहीं पहुंचने देना चाहते। अजमेरा और काला 24 सितंबर को रवींद्र नाट्यगृह में आम सभा बुलाकर उसमें अपात्र सदस्यों को प्लॉट देने की तैयारी में हैं। इसीलिए पात्र सदस्यों को भी अपात्र कर दिया गया है, ताकि वे आम सभा में न जा सकें।