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डब्ल्यूटीओ प्रमुख की भारत से अपील: निवेश सुविधा प्रस्ताव का करें समर्थन

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डब्ल्यूटीओ प्रमुख की भारत से अपील: निवेश सुविधा प्रस्ताव का करें समर्थन

विश्व व्यापार संगठन (WTO) की महानिदेशक नगोजी ओकोन्जो-इवेला ने भारत से चीन के नेतृत्व वाले विकास के लिए निवेश सुविधा (Investment Facilitation for Development - IFD) प्रस्ताव का समर्थन करने की अपील की है। उन्होंने मंगलवार को जेनेवा में भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की और WTO सुधारों, कृषि सहित कई अहम मुद्दों पर चर्चा की।

भारत की भूमिका को बताया निर्णायक

WTO प्रमुख ने कहा कि भारत एक अग्रणी विकासशील देश है और वैश्विक मंच पर इसकी भूमिका निर्णायक है। उन्होंने कहा,

हमें भारत एक नेता के रूप में चाहिए। भारत अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, और उसे अन्य विकासशील देशों के लिए रास्ता खोलना चाहिए।”

निवेश सुविधा प्रस्ताव पर जोर

ओकोन्जो-इवेला ने कहा कि 126 में से 90 सदस्य देश इस निवेश सुविधा प्रस्ताव के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं। उन्होंने भारत से अपील की कि वह इस पहल का समर्थन करे क्योंकि इससे विकासशील देशों को वैश्विक निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी।

भारत की आपत्ति और WTO में बहुपक्षीयता की चिंता

भारत ने इस प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया है। उसने फरवरी में अबू धाबी में आयोजित 13वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में इस पहल का विरोध किया था। भारत का कहना है कि ऐसे समझौते WTO की बहुपक्षीय प्रकृति को कमजोर करते हैं। भारत का मानना है कि किसी भी पहल को तभी आगे बढ़ाया जाना चाहिए जब वह सभी 166 सदस्य देशों की सहमति से हो।

चीन की अगुवाई और अमेरिका की दूरी

यह IFD प्रस्ताव सबसे पहले 2017 में चीन और अन्य विकासशील देशों द्वारा प्रस्तुत किया गया था, जो चीनी निवेश पर काफी हद तक निर्भर हैं। इस समूह में 128 देश शामिल हैं, लेकिन अमेरिका इस समझौते से बाहर है।
प्रस्ताव केवल हस्ताक्षरकर्ता देशों के लिए बाध्यकारी होगा।

कृषि मुद्दों पर भारत के रुख को समझने की जरूरत

WTO प्रमुख ने यह भी कहा कि कृषि के क्षेत्र में भारत की चिंताओं को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और उसे सहयोग की आवश्यकता है।

WTO की भूमिका

विश्व व्यापार संगठन का मुख्य कार्य देशों के बीच व्यापार को अधिक सुव्यवस्थित, पारदर्शी और मुक्त बनाना है। WTO यह सुनिश्चित करता है कि वैश्विक व्यापार नियमों का पालन हो और सदस्य देशों के बीच विवादों का समाधान निष्पक्ष रूप से किया जाए।

निष्कर्ष

जहां WTO भारत को IFD जैसे प्रस्तावों में भागीदारी के लिए प्रोत्साहित कर रहा है, वहीं भारत अपने बहुपक्षीय दृष्टिकोण और रणनीतिक हितों के तहत अब भी इस प्रस्ताव पर सावधानी बरत रहा है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत वैश्विक दबावों और घरेलू प्राथमिकताओं के बीच कैसे संतुलन बनाता है।

 

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Editor

Abhilash Shukla

A Electronic and print media veteran having more than two decades of experience in working for various media houses and ensuring that the quality of the news items are maintained.

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